12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के दूसरे दिन डा. राजेश्वर कुमार ने कहा कि हिन्दी परिवार और संस्कार की भाषा तो है ही इसे वाणिज्य और व्यापार की भाषा बनाने की जरूरत है।
Muzaffarpur 16 February : विदेश मंत्री एस जयशंकर और फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका ने 15 फरवरी को प्रशांत द्वीप राष्ट्र में तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया. फ़िजी के नांदी शहर में आयोजित 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में विश्व बाजार और हिन्दी विषय पर डा राजेश्वर कुमार ने सभा का संबोधित किया। इस सत्र की अध्यक्षता उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला के पूर्व निदेशक और साहित्यकार प्रो चमनलाल गुप्त ने किया।

सत्र को संबोधित करते हुए डा. राजेश्वर कुमार ने कहा कि हिन्दी परिवार और संस्कार की भाषा तो है ही इसे वाणिज्य और व्यापार की भाषा बनाने की जरूरत है। भूमंडलीकरण ने पूरे विश्व को एक बाजार बना दिया है। ऐसे में हिन्दी यदि संचार और तकनीक से जुड़कर रोजगार और व्यापार की भाषा बनेगी तो वह दिन दूर नहीं होगा जब पूरे विश्व में इसकी डंका बजेगी।आज दुनिया में लगभग 80 करोड़ लोग हिन्दी बोलने समझने वाले हैं लेकिन संचार तकनीक के साथ सही तालमेल नहीं होने के कारण और औपनिवेशिक हीनता ग्रंथि के कारण हिन्दी को विश्व में वह स्थान नहीं मिला है ,जिसकी वह हकदार है। इस सत्र को केंद्रीय हिन्दी संस्थान ,आगरा के पूर्व निदेशक प्रो नंदकिशोर पांडेय और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो अनिल राय ने भी संबोधित किया,जबकि इग्नू के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ नरेंद्र मिश्र ने सत्र का संचालन किया।
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तीन दिवसीय ’12वें विश्व हिंदी सम्मेलन’ 15-17 फरवरी को नदी में आयोजित हो रहा है. फिजी में पहली बार सम्मेलन का आयोजन हो रहा है और बड़ी संख्या में भारतीयों का घर है। विश्व हिंदी सम्मेलन की परिकल्पना राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा द्वारा 1973 में की गई थी। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10-12 जनवरी, 1975 को नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था। अब तक 11 विश्व हिंदी सम्मलेन विश्व के विभिन्न भागों में किए जा चुके हैं।
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विश्व हिंदी सम्मेलनों की सूची इस प्रकार है–
सम्मेलन | स्थान, देश | तिथि, वर्ष |
प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन | नागपुर, भारत | 10-12 जनवरी, 1975 |
द्वितीय विश्व हिन्दी सम्मेलन | पोर्ट लुई, मॉरीशस | 28-30 अगस्त, 1976 |
तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन | नई दिल्ली, भारत | 28-30 अक्टूबर, 1983 |
चतुर्थ विश्व हिन्दी सम्मेलन | पोर्ट लुई, मॉरीशस | 02-04 दिसम्बर, 1993 |
5वां विश्व हिन्दी सम्मेलन | पोर्ट ऑफ स्पेन, ट्रिनिडाड एण्ड टोबेगो | 04-08 अप्रैल, 1996 |
छठा विश्व हिन्दी सम्मेलन | लंदन, यू. के. | 14-18 सितम्बर, 1999 |
7वां विश्व हिन्दी सम्मेलन | पारामारिबो, सूरीनाम | 06-09 जून, 2003 |
8वां विश्व हिन्दी सम्मेलन | न्यूयार्क, अमरीका | 13-15 जुलाई, 2007 |
9वां विश्व हिंदी सम्मेलन | जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका | 22-24 सितंबर, 2012 |
10वां विश्व हिंदी सम्मेलन | भोपाल, भारत | 10-12 सितंबर, 2015 |
11वां विश्व हिंदी सम्मेलन | पोर्ट लुई, मॉरीशस | 18-20 अगस्त, 2018 |
12वां विश्व हिंदी सम्मेलन | नदी , फीजी | 15-17 फरवरी,2023 |
आपको बता दें 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में एलएस कॉलेज के डॉ राजेश्वर कुमार शामिल हुए हैं.कॉलेज की तरफ से विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल होने वाले वे पहले प्रोफेसर हैं। फिजी सम्मेलन में हिंदी विद्वानों और अधिकारियों का 270 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है।
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