Muzaffarpur 7 November : वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक श्री मैनेजर पांडे के निधन पर लंगट सिंह कॉलेज के बीएमसी विभाग में शोक सभा आयोजित की गई। 2 मिनट का मौन रखकर उनके आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

शोक संवेदना व्यक्त करते हुए बीएमसी विभाग के समन्वयक डॉ राजेश्वर कुमार ने कहा कि मूर्धन्य साहित्यकार डॉ मैनेजर पांडे का निधन हिंदी साहित्य के लिए गहरी क्षति है। डॉ पांडे की पहचान हिंदी साहित्य के गंभीर और प्रखर आलोचक के रूप में होती रही है। वे आजीवन आमजन से जुड़े रहे। अपने गांव गोपालगंज जिले के लोहटी से उनका हमेशा गहरा लगाव रहा। लेखन के क्षेत्र में उन्होंने सभी जाने-माने नए और पुराने कवियों पर सारगर्भित आलोचनात्मक लेखन कार्य किया। उन्होंने हिंदी के बड़े आलोचक मसलन डॉ नामवर सिंह, डॉ रामविलास शर्मा और हजारी प्रसाद द्विवेदी की विरासत को आगे बढ़ाया।

साहित्यकार डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह के अनुसार वे अक्सर कहा करते थे कि भाषा केवल लिखने पढ़ने से आगे नहीं बढ़ती, भाषा आंदोलन से आगे बढ़ती है। दरअसल भाषा आम लोगों के लिए किए गए संघर्ष और शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने से मजबूत होती है। उनके निधन ने साहित्य जगत को झकझोर कर रख दिया है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्री गौरव त्रिवेदी ने कहा कि डॉ मैनेजर पांडे ने आलोचना के क्षेत्र में बड़ा काम किया है, उनका सारा लेखन ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने समाजशास्त्रीय विचारों को साहित्य से जोड़ कर एक नई परंपरा की शुरुआत की है। उनकी रचनाएं आगे की पीढ़ियों का हमेशा पथ प्रदर्शक बनी रहेंगी। उनका निधन साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
Bihar University News पूर्व वित्त पदाधिकारी श्री राज नारायण सिन्हा के आकस्मिक निधन पर बी आर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में शोक सभा – GoltooNews https://t.co/A2peTxJsAb #muzaffarpur
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) November 7, 2022
शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में डॉ ललित किशोर, डॉ सतीश कुमार, डॉ मनोज कुमार एवं पत्रकारिता के छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
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