Muzaffarpur 17 November : चित्रगुप्त एसोसिएशन छाता चौक मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में आयोजित हो रहे श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का आयोजन हुआ। जिसे धूमधाम से मनाया गया.भागवत कथा के छठे दिन व्यास पीठ पर विराजमान परम श्रद्धेय अमित कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं।
उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है. उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।

कथा में महाराज श्री ने बताया कि भगवान का कैसे मथुरा प्रस्थान हुआ नारद जी के बताए जाने पर कंस को बोध की जो वृंदावन में श्री कृष्णा और बलराम है वह नंद यशोदा के पुत्र नहीं अपितु देवकी और वासुदेव के पुत्र हैं. बड़ी ही चालाकी से कंस ने अक्रूर जी को ब्रिज बृंदावन में भेज कर श्री कृष्ण और बलराम को बुलाने का षड्यंत्र किया. जब ऐसा संदेश बृज में रहने वाले सभी ग्वालो को गोपियों को प्राप्त हुआ व मां यशोदा प्राप्त हुआ तो उनके बिरह व दुख कि कोई सीमा नहीं थी. तब कैसे भगवान श्री कृष्ण सभी से परसों आने का वादा करके चल दिए मथुरा की ओर. मथुरा पहुंचकर अनेक लीलाएं करते हुए कंस का वध किए, संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण वही अवंतिकापुरी में स्थित संदीपनी आश्रम में भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी महाराज की मित्रता करना, कालयवन का वध श्री मुचकुंद जी महाराज के द्वारा कराया गया.,

भगवान जब अपनी शिक्षा पूरी करके अवंतिकापुरी से वापस मथुरा आए तब देव की मां ने भोजन कराया. भोजन की थाली मक्खन देखकर भगवान श्री कृष्ण को बृज की याद आने लगी तब उन्होंने गोपियों को मां यशोदा का नंद बाबा समझाने हेतु अपने मित्र उद्धव को ब्रज में भेजते हैं. वहां उद्धव गोपी संवाद होता है जिसमें उद्धव अपने ज्ञान के द्वारा गोपियों को समझाते हैं पर गोपियों की भक्ति व प्रेम के आगे उद्धव जी का ज्ञान फीका पड़ जाता है. तभी उद्धव जी द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, आगे चलकर महाराज श्री ने बताया कि कंस की दो पत्नियां अस्ति और प्राप्ति जोकि जरासंध की पुत्री थी अपनी पुत्रियों का बदला लेने के लिए जरासंध ने मथुरा में 17 बार आक्रमण किया. भगवान ने 17 बार जरासंध को हराकर माफ करते हुए भेजते रहें.

18वीं बार पुनः जरासंध के युद्ध में आने के कारण भगवान श्री कृष्ण द्वारका की स्थापना करते हैं तथा जरासंध से युद्ध में रणछोड़ नाम धराते हैं. जरासंध से भगवान श्री कृष्ण युद्ध में इसलिए हारते हैं क्योंकि जरासंध ने 17 बार भगवान को हराने के लिए कर्म किया. इसलिए भगवान कर्म का मान बढ़ाने के लिए जरासंध से हराते हैं और रणछोड़ बनके श्री द्वारकापुरी में विराजते हैं कथा के अंतिम में श्री कृष्ण एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण श्रवण कराते हैं महाराज श्री।। कथा के दौरान महाराज श्री ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ. जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है.

रास का तात्पर्य परमानंद की प्राप्ति है जिसमें दुःख, शोक आदि से सदैव के लिए निवृत्ति मिलती है. भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों को रास के माध्यम से सदैव के लिए परमानंद की अनुभूति करवायी।

भागवत में रास पंचाध्यायी का विश्लेषण पूर्ण वैज्ञानिक।। परम श्रद्धेय अमित कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने कहा कि आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक है. भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी है. विराजमान परम श्रद्धेय अमित कृष्ण शास्त्री जी महाराज.. भागवत कथा के छठे दिन कृष्ण-रुक्मणि विवाह प्रसंग पर बोल रहे थे।
भगवान श्रीकृष्ण रूक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया. कथा के दौरान भक्तिमय संगीत ने श्रोताओं को आनंद से परिपूर्ण किया. भागवत कथा के छठे दिन कथा स्थल पर रूक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
Muzaffarpur Kidney Kand बहुचर्चित सुनीता किडनी कांड का अपराधी पवन गिरफ्तार – GoltooNews https://t.co/Vg0QbWqK25 #Muzaffarpur
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) November 17, 2022
श्रीकृष्ण-रूक्मिणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई संस्कार युक्त जीवन जीने से मिलती है मुक्ति… महाराज श्री ने कहा कि जो व्यक्ति संस्कार युक्त जीवन जीता है वह जीवन में कभी कष्ट नहीं पा सकता.
व्यक्ति के दैनिक दिनचर्या के संबंध में उन्होंने कहा कि ब्रह्म मुहूर्त में उठना दैनिक कार्यों से निर्वत होकर यज्ञ करना, तर्पण करना, प्रतिदिन गाय को रोटी देने के बाद स्वयं भोजन करने वाले व्यक्ति पर ईश्वर सदैव प्रसन्न रहता है. इस दौरान कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की झांकी सजायी गयी।
कल श्रीमद्भागवत महापुराण का विश्राम दिवस तथा श्री सुदामा चरित्र दत्तात्रेय जीके 24 गुरुओं का वर्णन परीक्षित मोक्ष एवं सुखदेव विदाई।
राजद के बोचहां विधायक अमर पासवान ने क्षेत्र के विकास के लिए कार्यकर्ताओं संग की बैठक – GoltooNews https://t.co/MdHdMGCHpf #muzaffarpur
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) November 17, 2022
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ चित्रगुप्त एसोसिएशन छाता चौक मुजफ्फरपुर के प्रांगण में आयोजित किया जा रहा है. ज्ञानयज्ञ में मुख्य यजमान सत्येंद्र कुमार पिंकू, प्रिया दीप व संजय कुमार, अनामिका, विजय कुमार, रेणु देवी, संजीव कुमार रिंकू, वंदना वर्मा, धीरज कुमार माधव, चक्रधर सिन्हा, राकेश सिन्हा पप्पू, उदय नारायण, रीता सिन्हा, विश्वंभर सिन्हा, पिंकी, पं सुनिल मिश्रा, धर्मेंद्र, सोनू जी, संतोष कुमार, संदीप कुमार, अजय मिंटू, सुनिल कुमार, आचार्य प्रकाश व आयोजन समिति के सदस्यों समेत सैकड़ों श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
#muzaffarpur #news #shrimad-bhagwat-mahapuran-gyan-yagya-muzaffarpur