Darbhanga Airport : दरभंगा एयरपोर्ट की मुश्किलें सर्दियों में फिर शुरू, छोड़ा पटना एयरपोर्ट

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जाना था जापान पहुंच गए चीन एक बहुत पुरानी गीत है जो हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दोहराने लगा है.

Patna 19 December : दरभंगा एयरपोर्ट की मुश्किलें सर्दियों में फिर शुरू हुई. सर्दियों के मौसम में दरभंगा एयरपोर्ट की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. जाना था जापान पहुंच गए चीन एक बहुत पुरानी गीत है जो हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दोहराने लगा है. पिछले वर्ष भी इस तरह की घटनाएं हुई थी. मुंबई से दरभंगा के लिए उडी स्पाइसजेट की फ्लाइट को पटना मे लांडिंग करना पड़ा. नाइट लैंडिंग की सुविधा की शुरुआत नहीं होने के कारण दरभंगा में कम रोशनी में लैंडिंग नहीं हो पाती है.सर्दियों ये कहानी आम बात है दरभंगा के लिए.


विमानों के लैंडिंग की आधी अधूरी सुविधाओं के साथ दरभंगा एयरपोर्ट को आनन-फानन में शुरू कर दिया गया था जिसका खामियाजा हर सर्दियों में यात्रियों को भुगतना पड़ता है. यात्री टिकट लेते हैं दरभंगा की उड़ान के लिए और उन्हें पटना में छोड़ दिया जाता है जिसके बीच की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है. पटना से उन्हें बस में भरकर भेज दिया जाता है या यात्री अपनी सवारियों से निकलते हैं. या बसों के लिए इंतजार करना पड़ता है घंटों.


स्पाइसजेट एसजी 115 मुंबई से दरभंगा के लिए उड़ान लेती है प्रत्येक दिन पर १८ दिसंबर को उसे पटना उतारा गया बिना किसी सुचना के.ऐसे हालत हों तो बुकिंग नहीं करनी चाहिए. हालांकि आधिकारिक रूप से पटना में लैंडिंग कराए जाने के कारणों को नहीं बताया गया है. 18 दिसंबर को यही वाक्या सुनाया गया. दरभंगा एयरपोर्ट के यात्रियों को पर पटना छोड़ा गया और कोई कारण नहीं बताया. कई घंटों तक बस की सुविधा भी नहीं मिली और भारी फजीहत झेलनी पड़ी यात्रियों को जिसमे बूढ़े और बीमार यात्री भी थे.

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