अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आईएएस अमनदीप डुली सर ने बच्चों को हेलमेट पहनाकर कहा बड़े होकर सभी बच्चें हेलमेट मैन ऑफ इंडिया की तरह बने.
Patna 9 February : राघवेंद्र कुमार, हेलमेट मन ऑफ़ इंडिया के रूप में जाने जाते हैं. यातायात सुरक्षा जागरूकता फैलाने के लिए कड़ी मेहनत के लिए 2022 में Asian Excellence Award जीता है.

लगभग आठ वर्षों से राघवेंद्र कुमार (हेलमेट मन ऑफ़ इंडिया) हेलमेट पहनने के लिए जागरूकता भारत भर में फैला रहे हैं. सड़कों पर हेलमेट पहनाते उनकी तस्वीरों को लगभग भारत के सभी समाचार माध्यमों पर दिखेगा.
अनुमान है 57 हजार से ज्यादा हेलमेट अभी तक बाँट चुके हैं. आज 9 फरवरी पटना की सड़कों पर अपने अभियान को आगे बढ़ाते दिखे. ट्विटर पर तस्वीरों को साझा किया है.और जागरूक करने की कोशिश की है.
पटना की सड़को पर बाइक सवार को रोकने पर कहा, बुलेट पर हेलमेट पहनकर घूमने मे मजा नही आता.
— Helmet man of India (@helmet_man_) February 9, 2023
लाल बुलेट पर लाल हेलमेट पहनाकर, कहा अपनी मां के लाल हो, हमे भी किसी परिवार के आंखो में आंसु सड़को पर लाल रक्त बहते अच्छा नही लगता. तिरंगा देखकर कहा भारत मां की कसम बिना हेलमेट अब नही चलूंगा. pic.twitter.com/eraJZp2PcY
पटना की सड़को पर बाइक सवार को रोकने पर कहा, बुलेट पर हेलमेट पहनकर घूमने मे मजा नही आता. लाल बुलेट पर लाल हेलमेट पहनाकर, कहा अपनी मां के लाल हो, हमे भी किसी परिवार के आंखो में आंसु सड़को पर लाल रक्त बहते अच्छा नही लगता. तिरंगा देखकर कहा भारत मां की कसम बिना हेलमेट अब नही चलूंगा.
यहां चमचमाती गाड़ियों को देखने के लिए महंगी टिकट लगती हैं. लेकिन भारत में हर साल इन्हीं गाड़ियों से सड़क हादसों में लाखों लोग कुचल दिए जाते हैं.
— Helmet man of India (@helmet_man_) January 14, 2023
इस मौत के समंदर वाले एक्सपो में कहीं पर भी सड़क सुरक्षा एवं जागरूकता के बारे में एक शब्द भी नहीं लिखा गया है. #Helmetman #AutoExpo2023 pic.twitter.com/URl9WvYJlA
बिहार के कैमूर जिला के राघवेंद्र दिल्ली पहुंचे तो इनके मित्र कृष्णा कुमार ठाकुर (मधुबनी) की दुर्घटना ने इस काम के लिए प्रेरित किया. अब तक उनके द्वारा हजारों हेलमेट बाँट चुके है और कई लोगों की जान बची है.इन्होने इस अभियान में नौकरी छोड़ी. और जमीन तक बेच डाली.

आप जानकर चौंक जायेंगे की लोगों को जागरूक करने के लिए राघवेंद्र, कार में भी हेलमेट पहन कर चलते हैं. हेलमेट देकर लोगों से पुस्तकें भी मांगते हैं. उन्होंने बताया – मै क्यो पढ़े लिखे लोगो को हेलमेट देकर बदले में पुस्तक मांगता हूं. ताकि इन लोगों के बच्चों को साक्षर कर सकूं. अब तक लाखों पुस्तकें बाँट चुके हैं.
माता पिता के लिए सरदर्द बने बच्चे, बिना हेलमेट पहने खाना नहीं खा रहे, कम्बल के अन्दर भी हेलमेट पहन कर सो रहे है अब तो टोपी लगाना भी जरुरत नहीं समझते.
— Helmet man of India (@helmet_man_) January 21, 2023
उनकी परेशानियां दूर करने के लिए हेलमेट मैन को ऑन लाइन जुड़ना पड़ रहा है. ये बताने के लिए की हेलमेट की आवश्यकता कहा है. #Helmetman pic.twitter.com/SowQ7z02OP
छोटे बच्चों को भी हेलमेट पहनना जरुरी है.इस बात के लिए भी जागरूक करते दिखेंगे हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया.इसके लिए नोयडा प्राधिकरण में 18 जनवरी 2023को एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमे उन्होंने ४ साल से ऊपर के बच्चों पर सड़क सुरक्षा पर माता पिताओं का ध्यान आकर्षित किया.
भगवान भी इन्हे हेलमेट नहीं पहना सकते मैं तो इंसान हूं. मै क्यो पढ़े लिखे लोगो को हेलमेट देकर बदले में पुस्तक मांगता हूं. ताकि इन लोगों के बच्चों को साक्षर कर सकूं. ऐसे दृश्य में हमरा सिस्टम भी आंखे बंद कर लेता है और मौत के आंकड़े बढ़ते चले जाते हैं #Helmetmanofindia @UN @PMOIndia pic.twitter.com/qNw33Ct3IM
— Helmet man of India (@helmet_man_) January 17, 2023
सड़क दुर्घटनाओ से भारत का भविष्य बचाने के लिए, चार वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को हेलमेट पहनते देख माता पिता के चेहरे पर मुस्कान आ गई. अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आईएएस अमनदीप डुली सर ने बच्चों को हेलमेट पहनाकर कहा बड़े होकर सभी बच्चें हेलमेट मैन ऑफ इंडिया की तरह बने.
#helmetmanofindia #roadsafety