Muzaffarpur 4 October : Bihar University Inter College Badminton Tournament का रामदयालु सिंह कॉलेज में 4 अक्टूबर को भव्य उद्घाटन. बिहार विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतर महाविद्यालय बैडमिंटन टूर्नामेंट का शुक्रवार 4 अक्टूबर को रामदयालु सिंह कॉलेज में भव्य शुभारंभ हुआ। लंबे अंतराल के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की वापसी हुई है, क्रीड़ा परिषद ने खेल कैलेंडर तैयार कर उसे सक्रियता से लागू किया है।
Bihar University Inter College Badminton Tournament
प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने कुलपति समेत सभी खेल पदाधिकारी को अंगवस्त्र एवं बुके देकर सम्मानित किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने खेल के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि खेल हमें चुस्त- दुरुस्त रखता है, जिससे हम अपने दायित्वों का निर्वहन सक्रियतापूर्वक कर पाते हैं। खेल बच्चों और युवाओं के मानसिक तथा शारीरिक विकास दोनों के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम में बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र रॉय, कुलानुशासक डॉ बीएस राय, विश्वविद्यालय के खेल सलाहकार व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. संजय सिन्हा, क्रीड़ा परिषद के सचिव डॉ. कांतेश कुमार, नवनियुक्त सीनेटर डॉ. संजय सुमन, डॉ राजीव कुमार, डॉ आनंद प्रकाश दुबे, डॉ रजनीकांत पांडे, डॉ मंजरी आनंद डॉ श्रुति ,डॉ सारिका चौरसिया, डॉ कृतिका वर्मा, डॉ मीनू कुमारी, डॉ ललित किशोर, डॉ गणेश कुमार शर्मा, समेत सभी शिक्षक एवं कर्मचारी व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। टूर्नामेंट में भाग लेने वाले खिलाड़ी भी आरडीएस कॉलेज बैडमिंटन कोर्ट में बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
कुलपति ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बैडमिंटन एक प्रतिस्पर्धी खेल है, जिसमें कोर्ट पर गति,चपलता और कौशल की आवश्यकता होती है। बैडमिंटन खेल शरीर के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। यह जीवन में अनुशासन लाता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन करने की अपील की।
अपने संबोधन में, खेल परिषद के सचिव डॉ. कांतेश कुमार ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया, जिनकी प्रतिभा और उपलब्धियों ने महाराष्ट्र सरकार को स्कूली पाठ्यक्रम में उनके बारे में एक अध्याय शामिल करने के लिए प्रेरित किया है।
खेल सलाहकार डॉ. संजय सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि आज खेल सिर्फ मनोरंजन की गतिविधि नहीं बल्कि करियर का मार्ग बन गए हैं। उन्होंने भारतीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का उदाहरण देते हुए बताया कि उत्तराखंड के सीमित संसाधनों वाले एक छोटे से शहर से आने के बावजूद, सेन 23 साल की उम्र में भारत के बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं। डॉ. सिन्हा ने बैडमिंटन खिलाड़ियों को लक्ष्य सेन जैसे चैंपियन से सीखने और अपने दैनिक दिनचर्या में अनुशासन के महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. सिन्हा ने कहा बैडमिंटन एक ऐसा खेल है जो शारीरिक और संज्ञानात्मक कौशल को बेहतर बनता है। इसके अलावा यह खेल हमारे मूड और एकाग्रता को भी बेहतर बनाता है।
बालक वर्ग में फाइनल मुकाबला आरडीएस कॉलेज मुजफ्फरपुर और एमएस कॉलेज, मोतिहारी के बीच होगा.
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) October 4, 2024
टूर्नामेंट में लगभग 100 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिसमें 15 कॉलेज लड़कियों की श्रेणी में और 16 कॉलेज लड़कों की श्रेणी में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। लड़कों की श्रेणी में, फाइनल कल होगा, जिसमें आरडीएस कॉलेज का सामना एमएस कॉलेज, मोतिहारी से होगा। टूर्नामेंट का दूसरा दिन दोनों श्रेणियों के फाइनल के साथ समाप्त होगा।