Muzaffarpur 24 November : RDS College की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के तत्वावधान में नशा मुक्ति जागरूकता अभियान के तहत रैली निकाली गई। एनएसएस स्वयंसेवकों ने रैली को माधोपुर सुस्ता गांव में ले गए, जहां उन्होंने ग्रामीणों से मादक द्रव्यों के सेवन को छोड़ने की अपील की और उन्हें इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित किया।
नशा एक सामाजिक बुराई है, इसे मिटाना हमारा कर्तव्य है” – प्राचार्य डॉ. अनीता सिंह
इस अवसर पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. अनीता सिंह ने जोर देकर कहा, “नशा एक सामाजिक बुराई है, और इसे मिटाना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। मादक द्रव्यों के सेवन से पीड़ित व्यक्ति अक्सर उपेक्षा के साथ-साथ पारिवारिक और सामाजिक अलगाव का सामना करते हैं। केवल जागरूकता के माध्यम से ही हम सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित कर सकते हैं और नशा मुक्त समाज की कल्पना कर सकते हैं।”

एनएसएस समन्वयक डॉ. पायोली ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वयंसेवकों ने ग्रामीणों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग, उपलब्ध उपचार और सहायता प्रणालियों के बारे में शिक्षित करने के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने कहा कि नशे की लत को खत्म करने के लिए सामाजिक जागरूकता बहुत जरूरी है।
RDS College परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार ने नशे की लत से जूझ रहे लोगों को सामाजिक और भावनात्मक सहायता प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुनर्वास प्रयासों में चिकित्सीय हस्तक्षेप के साथ-साथ करुणामय देखभाल भी शामिल होनी चाहिए।
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) November 24, 2024
डॉ. ललित किशोर ने कहा कि नशे की लत से निपटने के लिए मानवता और करुणा पर केंद्रित नीतियों की आवश्यकता है, जिसमें व्यक्तिगत अधिकारों और गरिमा पर ध्यान दिया जाना चाहिए। डॉ. अनुराधा पाठक, डॉ. मीनू कुमारी और डॉ. गणेश कुमार शर्मा सहित अन्य संकाय सदस्यों ने भी स्वयंसेवकों को संबोधित किया और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने में उनके प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में आयशा तबस्सुम, आलिया ग़ज़ल, प्रणव प्रताप आर्य, पवन, आकाश, कृष्णा, सुजल, शशांक और आशीष सहित लगभग 90 छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। नशा मुक्ति कार्यक्रम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता युवाओं की सार्थक सामाजिक बदलाव लाने की क्षमता को उजागर करती है। यह पहल छात्रों, शिक्षकों और बड़े पैमाने पर समुदाय के सामूहिक प्रयासों से एक स्वस्थ और अधिक जागरूक समाज को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।