Muzaffarpur 7 December : RDS College के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के तत्वावधान में डॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर “आंबेडकर के राजनीतिक दृष्टिकोण” पर परिचर्चा आयोजित की गई।
RDS College “आंबेडकर के राजनीतिक दृष्टिकोण”
राजनीति में अंधभक्ति तानाशाही की ओर ले जाती है: डॉ रजवी

परिचर्चा में विभागाध्यक्ष डॉ एम एन रजवी ने कहा कि राजनीति के संबंध में आंबेडकर का मानना था कि राजनीति में अंधभक्ति तानाशाही की ओर ले जाती है। इससे लोकतंत्र का हनन हो सकता है और यह समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जनता को केवल राजनीतिक लोकतंत्र से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि समानता स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों के साथ सामाजिक लोकतंत्र की स्थापना की ओर प्रयास करना चाहिए। तभी समता मूलक समाज की स्थापना हो सकती है।
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) December 7, 2024
सीनेटर डॉ संजय कुमार सुमन ने कहा कि आंबेडकर स्पष्ट रूप से कहते थे कि राजनीतिक लोकतंत्र तब तक स्थिर नहीं रह सकता जब तक उसके आधार में लोकतंत्र की सामाजिक व्यवस्था कायम न हो। उनका मानना था कि सामाजिक लोकतंत्र का अर्थ है कि एक ऐसी व्यवस्था एवं जीवनशैली जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जीवन के मूल सिद्धांतों के रूप में स्वीकार करती है। लोग तर्क की कसौटी पर किसी राजनीतिक सिद्धांत को अपनाएं, तो लोकतंत्र की खूबसूरती बरकरार रहेगी। आंबेडकर का जीवन दर्शन और उनकी लिखी हुई किताबों को पढ़ने की जरूरत है, उनके दर्शन को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है।
परिचर्चा में डॉ अजमत अली, डॉ ललित किशोर, डॉ अनुपम कुमार, डॉ मनीष कुमार शर्मा, डॉ अविनाश कुमार एवं शोधार्थी सुनील कुमार, श्री विनय तिवारी ने आंबेडकर दर्शन के विभिन्न पक्षों पर अपने विचार प्रस्तुत किये।