Muzaffarpur 5 April : RDS College रामदयालु सिंह महाविद्यालय स्नातकोत्तर प्राचीन इतिहास विभाग सत्र 2023-25 के विद्यार्थी शैक्षिक भ्रमण के तहत वैशाली पहुंचे.
RDS College स्नातकोत्तर प्राचीन इतिहास विभाग
*वहां के पुरातात्विक स्थलों का अध्ययन एवं सर्वेक्षण किया।
*वैशाली के गौरवशाली इतिहास को जाना
इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ एम एन रजवी और डॉ ललित किशोर के मार्गदर्शन में स्नातकोत्तर प्राचीन इतिहास विषय के छात्र-छात्राओं ने अशोक स्तंभ, बौद्ध स्तूप, विश्व शांति स्तूप, राजा विशाल का गढ़ और वैशाली पुरातत्व संग्रहालय का सर्वेक्षण एवं अध्ययन किया।

डॉ रजवी ने बताया कि शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए सीखने का एक व्यवहारिक तरीका है। छात्रों को नए वातावरण और प्राचीन संस्कृतियों से परिचित होने का अवसर प्राप्त होता है। डॉ रजवी ने बताया कि 600 ईसा पूर्व यहां विश्व के पहले लोकतंत्र की शुरुआत हुई थी। भगवान महावीर का यह जन्मस्थली है। बुद्ध ने अपना अंतिम उपदेश यहीं दिया था और उनके द्वारा दिए ज्ञान का प्रचार- प्रसार पूरे विश्व में हुआ।

छात्रों ने पुरातत्व संग्रहालय में अवस्थित बेसाल्ट पत्थर से निर्मित मनौती स्तूप, भगवान बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं में उत्कीर्ण मूर्ति, मृदभांडों का अनूठा संग्रह, मूर्तियों के विभिन्न प्रकार, पशु की मूर्तियों में हाथी, घोड़ा, वृषभ, कुत्ता, बंदर तथा सर्प, प्राचीन मुद्राओं के अनूठा संग्रह, कीमती पत्थरों के मनको का प्रदर्शन, चूड़ियों, हड्डियों तथा सींगो के औजार, अंजनशलाका, प्रस्तर, सांचा, हाथी दांत की वस्तुएं का सर्वेक्षण एवं अध्ययन काफी विस्तार से किया।
LS College में सम्राट अशोक की जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई https://t.co/CyytJPwJse @LS_College @DineshCRai pic.twitter.com/jQfiNtJlNK
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) April 5, 2025
डॉ ललित किशोर ने कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित पूरावशेष, सिर्फ वस्तु मात्र न होकर प्राचीन वैभवशाली वैशाली के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है।
प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण से छात्रों के अंदर शैक्षिक कौशल, सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने इतिहास विभाग के शिक्षकों एवं छात्रों को शैक्षिक भ्रमण के लिए शुभकामनाएं दी है।
छात्र-छात्राओं में अभिषेक, शिवानी, पंखुड़ी, शुभम, निधि, रविशंकर, प्रिंस, फलक, सौरभ, देवलाल, आरती, अब्दुल, श्री मणि, माजिद, पूर्णिमा, विनय तिवारी आदि ने पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण किया।