Agnipath Recruitment Scheme बिहार में अग्निपथ भर्ती योजना का विरोध क्यों?

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युद्ध या आपात स्तिथि में आप दुबारा देश की सेवा के लिए तैयार रहेंगे

Patna 16 June : बिहार में अग्निपथ भर्ती योजना का विरोध क्यों? 14 जून को भारत सरकार में अग्नि वीरों की लिए अग्निपथ भर्ती योजना की शुभारंभ हुआ और उसके अगले दिन बिहार में कई शहरों में इसका विरोध होने लगा. बेगुसराए बक्सर और मुजफ्फरपुर में उग्र प्रदर्शन हुए. लाठी डंडे और टायर जलाकर सड़क जाम किया गया. मुजफ्फरपुर में टेंट हाउस वालों के बांस बल्ले भी लूट लिए और तोड़ फोड़ में इस्तेमाल हुआ. क्या सही मे सेना भर्ती के युवा थे या भड़काया गया था.

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Agnipath Scheme Protest in Bihar


अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध होने के कई कारण हो सकते हैं . लाभ और हानि के विषय में चर्चा करते हैं सबसे पहले अग्निपथ भर्ती योजना की कमियां क्या क्या है. अग्नीपथ योजना में अग्नि वीरों की भर्ती केवल 4 साल के लिए होगी. इस कारण युवकों को अपना भविष्य सुरक्षित नहीं नजर आ रहा है. 75% अग्निवीरों को आगे नहीं रखा जाएगा. 25% को उनकी योग्यता को देखते हुए उनकी सेवा को विस्तार किया जाएगा.

Agnipath Scheme Protest in Bihar

साढ़े 17 साल से 21 साल के युवकों को अग्निपथ में भर्ती करने की योजना है. कठिन प्रशिक्षण के बाद युवकों की अग्नि पत्र अग्नि विरोध के रूप में भर्ती होगी. कठोर प्रशिक्षण के बाद केवल 4 सालों के लिए नौकरी मिलना युवकों को मंजूर नहीं है. इसमें उनकी मांग है कि उम्र सीमा में दो साल की छूट चाहिए. सेना भर्ती की प्रक्रिया है वह भी उसमें भी काफी समय लगता है. जैसे कि 2019 में मेडिकल और फिजिकल परीक्षा हुई थी जिसकी अभी तक लिखित परीक्षा नहीं हो सकी है.सेना भर्ती की प्रक्रिया को देखते हुए युवक इस स्कीम का बिहार में विरोध प्रदर्शन हुआ. और भी कई कारण हो सकते अग्निपथ भर्ती विरोध के.


बिहार में युवकों को एक स्थाई नौकरी की तलाश होती है यहां रोजगार की कमी है. बेरोजगारी बिहार में बढ़ती जा रही है. इसके भी कई कारण है. रोजगार के अवसर धीरे धीरे समाप्त होते जा रहे हैं. उद्योग और कारखानों की कमी के कारण तथा लंबे समय तक के सरकारी नियुक्तियां नहीं होने के कारण युवकों में निराशा है. उन्हें स्थाई नौकरी खोजने में परेशानी होती है तो उनका एक उद्देश्य सेना में भर्ती भी होता है. उसमें भी केवल 4 साल के लिए भर्ती होना उन्हें नागवार गुजरा.

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बिहार में स्थाई नौकरी का सीधा सम्बन्ध विवाह शादी से भी जुड़ा है. बिहार में नौकरियां का संबंध शादी विवाह शादी है. वह किसी भी विभाग में हो तो आपकी शादी अच्छे घर में होगी. उसकी नजर उस पर भी है. यदि स्थाई नौकरी नहीं होगी सेना में तो उनकी शादी में अड़चन आएगा. लड़की वाले चाहते हैं कि उनकी बेटी की शादी किसी स्थाई नौकरी वाले से हो जिसे उनकी बेटी की भरण पोषण सही तरीके से हो सके.

बिहार में दो ही बहाली ज्यादा होती है एक एएनएम और एक शिक्षक नियुक्ति. बीपीएससी की परीक्षाओं की लंबी प्रक्रिया है और उसकी भी परीक्षाएं कैंसिल हो जाती हैं. B.ed और एएनएम ट्रेनिंग संस्थाएं सबसे ज्यादा है बिहार में. उसके बाद आईटीआई का नंबर आता है. लड़कियों के B.Ed और एएनएम ट्रेनिंग करने के बाद उन्हें शिक्षक और एएनएम की नौकरी मिलेगी.

लड़कों की शादी के लिए जब बिहार में लड़कियां तलाश होती हैं तो उनकी योग्यता अब एक B.ed ट्रेनिंग और एएनएम ट्रेनिंग से मापी जाती है. यदि इन सभी इन दोनों में से कोई ट्रेनिंग की गई लड़कियां हैं तो उनकी उन्हें ज्यादा महत्व दिया जाता है इसलिए कि आगे आने वाले समय में उनकी सरकारी नौकरी पक्की है. लड़कों की बात करें तो केवल B.ed /ITI ट्रेनिंग विकल्प है. ऐसे में लड़कों के लिए संविदा यानी कम समय के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली होने के बाद उनका भविष्य सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है. शादी में सबसे बड़ी अड़चन आएगी की परमानेंट जॉब नहीं है.

Indian Army in Siachen Border

पहले ऐसा सैनिकों के बारे में विचारधारा नहीं थे .अग्निपथ स्कीम आने के बाद से बदल जाएगी धारणा. शिक्षकों में जब संविदा पर नौकरी मिलने लगी थी तो विद्यालय में दो तरह के भेदभाव होने लगे थे कि अच्छा आप परमानेंट वाले हैं और आप संविदा वाले हैं. दोनों में टकराव भी हुआ था. इस तरह के टकराव की आशंका सेना में भी हो सकती है जो पहले से परमानेंट नौकरी कर रहे हैं जिन्हें पेंशन(Lifetime) मिलेगी उनके साथ टकराव संभव है. कम समय के लिए भर्ती होने वाले सैनिकों में मानसिकता हो सकती है कि मैं तो बस 4 साल के लिए आया हूं. उनका नौकरी के प्रति वो समर्पण नहीं हो, शायद जिम्मेदारी से अपनी सेवा नहीं दे पाए.

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खान सर ने भी अपने ट्वीट के माध्यम से अग्निपथ भर्ती योजना को सही नहीं ठहराया है .

खान सर ने भी अपने ट्वीट के माध्यम से अग्निपथ भर्ती योजना को सही नहीं ठहराया है .खान सर जो अपनी बेबाक शैली में पढ़ाने के लिए छात्रों में मशहूर हैं.


अग्निपथ भर्ती योजना के फायदे भी अनेक है बिहार में


इसके फायदे भी अनेक है बिहार में ज्यादातर लड़के 25 से 30 साल में तो होश में ही आते हैं. उन्हें इस बात की जानकारी या होती नहीं कि भविष्य में उन्हें क्या करना है. वह दिग्भ्रमित रहते हैं और ज्यादातर राजनीति में आने के तरीकों को ढूंढते रहते हैं. ऐसे में यह अग्निपथ की स्कीम बिहार के नौजवानों के लिए अच्छी स्कीम होगी कि कम समय में सेना में भर्ती हो 22 – 23 साल में 12 Lakh रुपए जमा कर, बाहर आकर कोई नयी नौकरी पकड़े या अपना व्यवसाय करें.

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सैलरीकटौती के बादसैलरी से काट जमा होगासरकार जमा करेगी
1st Year300002190090009000
2nd Year330002310099009900
3rd Year36500255801095010950
4th Year40000280001200012000
After 4 /years11.71 Lakh5.02 Lakh5.02 Lakh
After Retirement of 4 yrs 11.71 Lakh Rs with interest

बिहार में ज्यादातर 17-18 साल से लेकर 25 साल के लड़के बेरोजगार ही घूमते रहते हैं. उनके लिए एक अच्छा अवसर है कि शारीरिक रूप से खुद को तैयार करें और अग्निपथ स्कीम के तहत अग्नि वीरों में शामिल हो जाएं और कम समय में कुछ पैसे जमा करने और भविष्य को सुरक्षित करें. यह एक अच्छा एक अवसर हो सकता है.

Duabai

बिहार के लोग रोजगार की खोज में अरब देशों (विदेशों) में भी जाते हैं

बिहार के लोग रोजगार की खोज में अरब देशों(विदेशों) में भी जाते हैं. इसकी संख्या भी लाखों में है. आईटीआई ट्रेनिंग कर कर या कोई और प्रशिक्षण प्राप्त कर विदेशों में जाकर नौकरी करते हैं. उनके लिए एक अच्छा अवसर है कि अग्निपथ योजना का लाभ उठाकर देश की सेवा करते हुए 4 साल नौकरी करें और फिर अपना कोई नौकरी या धंधा पानी कर सकते हैं. 12 लाख रुपए भी 4 साल में आपके पास होंगे यही कमाने तो आप विदेश जाते हैं. यह बात अलग है विदेश जाने पर थोड़ी और ज्यादा पैसे मिलते होंगे. अग्नीपथ स्कीम के तहत प्रदेश में रहकर या घर में रहकर आप पैसे जमा कर रहे हैं, पैसे कमा भी रहे हैं. पैसे आपके जमा भी हो रहे हैं. आपके आने वाले भविष्य में आप सम्मान पूर्वक पूर्व सैनिक कहलाते हुए नौकरी खोजेंगे या व्यवसाय करेंगे जहां आपको इज्जत दी जाएगी इस तरह की योजना कई देशों में है. जहां कुछ सालों के लिए आपको सेना में आप योगदान देना होता है.

आप सेना के लिए कुछ दिनों के लिए काम करते हैं तो क्या आपका सर गर्व से ऊँचा नहीं होगा

आप सोच कर देखिए अभी आप सेना के लिए कुछ दिनों के लिए काम करते हैं तो क्या आपका सर गर्व से ऊँचा नहीं होगा. पूर्व सैनिकों को जो सम्मान मिलता है या एक सैनिक को जो देश की सेवा करता है उसका सर हमेशा गर्व से ऊंचा रहता है देश के लिए सेवा करना और सेना के लिए, किसी के लिए भी गर्व की बात होती है. यह तो और अच्छी बात है कि आप कम समय के लिए सेना में और आपको इसके बाद स्वतंत्र हैं कोई भी काम करने के लिए.

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बिहार में नौकरी का मतलब होता है जीवन यापन यानी जीवन भर के लिए आपके जीवन यापन का उपाय और साथ-साथ शादी विवाह भी. यही सबसे बड़ा विरोध का कारण नजर आ रहा है. दूसरी बात सरकार की लंबी प्रक्रिया जो बहाली की होती है उसे छोटी करनी होगी. लोग इससे भी नाराज हैं.

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युवकों को काफी समय तक कठिन परिश्रम कर तैयारी करनी पड़ती है. परीक्षा की फिजिकल और मेडिकल के लिए इतनी तैयारियों के बाद 4 साल की नौकरी मिलने मिलना उन्हें सही सही नहीं लगा. इसलिए अचानक एक दिन बाद ही विरोध प्रदर्शन हुआ. वैसे आजकल राजनीतिक कारणों से भी विरोध प्रदर्शन होता है और कुछ लोगों के उकसावे से भी विरोध प्रदर्शन की शुरुआत होती है. यह तो समय बताएगा कि विरोध प्रदर्शन के सही कारण क्या थे. रक्षा मंत्रालय द्वारा एक योजना है जिसके अंतर्गत देश के नौजवान पनी सेवा सेना के लिए दे सकते हैं. युद्ध या आपात स्तिथि में आप दुबारा देश की सेवा के लिए तैयार रहेंगे.

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