Muzaffarpur 3 june : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, 11th International Yoga Day के उपलक्ष्य में आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित “योग संगम”कार्यक्रम में भाग लेगा। कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र राय के निर्देशानुसार, विश्वविद्यालय ने इस कार्यक्रम में सहभागिता के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण कर ली है।
International Yoga Day : योग संगम”कार्यक्रम
कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने योग संगम में विश्वविद्यालय की भागीदारी के संदर्भ में कहा कि इस आयोजन में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सक्रिय सहभागिता से क्षेत्र में योग के प्रति जागरूकता में अभिवृद्धि होगी। योग संगम का उद्देश्य देश के एक लाख से अधिक स्थलों पर एक साथ सामान्य योग प्रोटोकॉल के तहत योग सत्र का आयोजन करना है, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशाखापत्तनम से करेंगे। देशभर से विभिन्न संगठनों और संस्थानों की सहभागिता इस पहल को व्यापक जन समर्थन प्रदान कर रही है।

कुलपति प्रो. राय ने बताया कि योग, जो कभी भारतीय परंपरा का अभिन्न अंग था, अब वैश्विक स्तर पर अत्यधिक प्रतिष्ठित हो चुका है। इस आयोजन में योग सत्र, प्राणायाम, ध्यान और कार्यशालाएं शामिल होंगी, जिसमें आयुष विभाग के विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। विश्वविद्यालय परिसर में इस अवसर पर योग शिविर और जागरूकता अभियान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, ताकि युवाओं में योग के प्रति रुचि को प्रोत्साहित किया जा सके।
प्रो. राय ने कहा कि 2025 में 11th International Yoga Day को और भी व्यापक और वैश्विक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री की इस दूरदर्शी पहल की सराहना करते हुए कहा कि योग संगम न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा, बल्कि यह स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए एक वैश्विक आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। उन्होंने सभी छात्रों और स्थानीय समुदाय से इस समारोह में सक्रिय भागीदारी की अपील की। यह सामूहिक उत्सव योग के कालातीत अभ्यास और आज की दुनिया में इसकी स्थायी प्रासंगिकता के प्रति हमारे राष्ट्र की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) May 31, 2025
प्रो राय ने कहा कि 2025 में 11वें International Yoga Day को और भी व्यापक और वैश्विक बनाने का प्रयास है। उन्होंने प्रधानमंत्री की इस दूरदर्शी पहल की सराहना करते हुए कहा कि योग संगम न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर ले जाएगा, बल्कि यह स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए एक वैश्विक आंदोलन बन रहा है। उन्होंने सभी छात्रों और स्थानीय समुदाय से इस समारोह में सक्रिय भागीदारी की अपील की। यह सामूहिक उत्सव योग के कालातीत अभ्यास और आज की दुनिया में इसकी स्थायी प्रासंगिकता के प्रति हमारे राष्ट्र की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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