RDS College धूमधाम से मना रहा स्थापना दिवस समारोह -एक विरासत, एक प्रेरणा

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Muzaffarpur 18 July : 19 July,1948 में स्थापित RDS College, मुजफ्फरपुर ने 77वां स्थापना दिवस मना रहा। महाविद्यालय आज 66 शिक्षक, 14 हजार छात्रों के साथ बिहार विश्वविद्यालय का प्रमुख शैक्षणिक केंद्र बन चुका है।

RDS College स्थापना दिवस समारोह

RDS College स्थापना दिवस समारोह

RDS College, मुजफ्फरपुर 19 जुलाई 2025 को बड़े ही गर्व और उत्साह के साथ अपना 77वां स्थापना दिवस मना रहा ।
सात प्राध्यापकों और 292 छात्रों के साथ शुरू हुआ यह प्रतिष्ठित महाविद्यालय आज 66 शिक्षक, 60 कर्मचारी एवं लगभग 14 हजार छात्रों की शैक्षणिक यात्रा का साक्षी है। यह न केवल संख्या में बल्कि गुणवत्ता में भी सतत प्रगति करता आया है।

RDS College स्थापना दिवस समारोह
RDS College स्थापना दिवस समारोह

57 एकड़ भूमि में फैला यह संस्थान आज भी अपनी समृद्ध परंपरा और गौरवशाली अतीत से जुड़कर एक नई दिशा की ओर अग्रसर है।
प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह के नेतृत्व में कॉलेज ने प्रशासन, शिक्षण, खेल, संस्कृति और व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छुआ है। आज यह कॉलेज कला, विज्ञान और वाणिज्य विषयों में नामांकन के लिए छात्रों की पहली पसंद बन चुका है।

RDS College स्थापना दिवस समारोह

RDS College की नींव प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार विधानसभा के प्रथम सभापति स्वर्गीय रामदयालु बाबू के नाम पर वर्ष 1948 में रखी गई थी।
इस महाविद्यालय की स्थापना में महंथ दर्शन दास, महेश प्रसाद सिंह, त्रिवेणी प्रसाद सिंह, ललितेश्वर प्रसाद शाही, जय मंगल शर्मा तथा श्री नारायण महंत जैसी कई महान हस्तियों का योगदान रहा।

RDS College स्थापना दिवस समारोह

महंथ दर्शन दास जी के ₹50,000 और श्री महेश प्रसाद सिंह के सहयोग से श्रीकृष्ण जयंती फंड से प्राप्त ₹50,000 की राशि से कुल ₹1 लाख की धनराशि से 5 मई 1948 को इस कॉलेज का उद्घाटन डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के कर कमलों द्वारा हुआ।

RDS College स्थापना दिवस समारोह

कॉलेज का इतिहास बलिदान की गाथा से भी जुड़ा है — सन् 1966 में कॉलेज गेट के समक्ष हुए गोलीकांड में प्रो. निगमानंद कुंवर छात्र महेश शाही को बचाते हुए शहीद हो गए। यह घटना आज भी शिक्षकों और छात्रों के रिश्ते की मिसाल पेश करती है।

प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यहां से पढ़े छात्र आज देश के विभिन्न हिस्सों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं। कॉलेज में अब छह व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी सफलता पूर्वक संचालित हो रहे हैं, जो छात्रों को रोजगारमुखी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

खेल, कला और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी यह महाविद्यालय अपनी राष्ट्रीय पहचान बना चुका है।
कॉलेज पत्रिका “वर्तिका” प्रतिवर्ष प्रकाशित होती है जो कॉलेज की रचनात्मकता, परंपरा एवं गतिविधियों को दस्तावेज करती है।

रामदयालु सिंह कॉलेज न केवल शैक्षणिक संस्थान है, बल्कि यह एक संस्कार और संघर्ष की जीवित विरासत है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।

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