Telegram CEO Durov पेरिस में गिरफ्तार, जानिए टेलीग्राम की कहानी

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Paris 26 August : Telegram CEO Durov को शनिवार को पेरिस के बॉर्गेट एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया. डुरोव आतंकवाद, ड्रग्स, धोखाधड़ी, मनी लॉन्डरिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी समेत कई आरोपों को लेकर कोर्ट में पेश होनेवाले हैं. डुरोव अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 20 साल तक की सजा हो सकती है.

Telegram CEO Durov गिरफ्तार

डुरोव ,पेरिस के बॉर्गेट एयरपोर्ट पर प्राइवेट जेट से पहुंचे थे जहाँ से गिरफ़्तारी हुई.डुरोव रूस का जुकरबर्ग भी कहा जाता है. क्रिमिनल कंटेंट रोकने में असफल होने का आरोप है और कभी आतंकवादियों की पसंदीदा ऐप था.एक समय 78, ISIS से सम्बंधित चैनल्स को प्रतिबंधित किया था.

Telegram CEO Durov Image Twitter
Telegram CEO Durov Image Twitter


Telegram की कहानी
पावेल और निकोलाइ डुरोव नाम के दो भाइयों ने 2013 में टेलीग्राम की शुरुआत की थी.

दोनों से रूसी सरकार, रूसी जनता से जुड़ा डेटा मांग रही थी जिससे परेशान होकर उन्होंने 2014 में देश छोड़ दिया और सेंट किट्स एंड नेविस की नागरिकता ले ली थी.

दो साल के अंदर 2015 में 6 करोड़ एक्टिव यूजर का आंकड़ा छू लिया था.

कंपनी ने 2017 में एक स्थाई हेडऑफिस दुबई में खोला.

2019 में सुपर ग्रुप्स की संख्या 10 हजार से 2 लाख कर दिया टेलीग्राम ने. रूस ने 2020 में टेलीग्राम पर से बैन हटा दिया.

डुरोव ने 2021 में फ्रांसीसी नागरिकता हासिल की .

2022 में टेलग्राम प्रीमियम लांच किया गया.

2023 में 3700 करोड़ रुपया कमाया.

2024 में 95 करोड़ यूजर की संख्या को पार किया.


दुनिया भर में 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चूका है और भारत, इंडोनेशिया और रूस में सबसे ज्यादा टेलीग्राम इंस्टॉल हुए.


भारत में टेलीग्राम कब बंद हुआ?
इसे विडंबना ही कहा जा सकता, भारत में BSNL टेलीग्राम 14 जुलाई 2014 तक काम किया और 15 जुलाई से एक इतिहास बन गया 163 साल तक सेवा देने के बाद. एक समय यह सबसे तेज संदेशवाहक हुआ करता था बल्कि कुछ वर्षों पहले तक. इंटरनेट की लोकप्रियता के साथ-साथ तेजी से सोशल मीडिया का विकास हुआ और टेलीग्राम पिछड़ गया.

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