New Delhi 29 august : भ्रष्टाचार का प्रतीक सुपरटेक ट्विन टावर को गिरा दिया गया भ्रष्टाचार के नीवं पर करोड़ों लगाकर खड़े किए गए सुपर टेक टावर को धमको से गिरा दिया गया. भ्रष्टाचार का बोलबाला तो भारत में रहा है यह सभी जानते हैं. आजादी के 75 साल गुजर गए. हर दिन समाचार पत्रों में देखे जाते हैं बोरे में भरकर, बक्सों में भरकर नोट निकल रहे हैं अफसरों के घर से. इडी के छापे में रुपयों के बंडल इतने हो जाते हैं कि मशीन हांफने लग जाते हैं और 1 दिन नहीं 2 दिन में गिनती होती है.

यदि ट्विन टावर भ्रष्टाचार का प्रतीक था तो यह भ्रष्टाचार का प्रतीक 102 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचा कैसे? 100 मीटर की ऊंचाई पहुंचने के पहले ही इसे रोका क्यों नहीं गया. इसकी नीवं क्यों पड़ी जब गिराने की नौबत आ गई एक दिन. नोएडा के सेक्टर 93a में ट्विन टावर 28 अगस्त रविवार दोपहर 2:30 बजे बटन दबाकर कर दिया गया.
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) August 29, 2022
सोशल मीडिया पर कई संदेश वायरल हो रहे हैं कि गिराने की जरूरत क्यों पड़ी क्यों ना इसमें स्कूल या अस्पताल खोल दिए गए. कुछ ने लिखा भ्रष्टाचार का प्रतीक गिर गया पर यह सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि आखिर भ्रष्टाचार का प्रतीक ट्विन टावर बना ही क्यों. यदि यह अवैध था तो यह 40 मंजिल तक खड़ा हो गया और किसी को नजर नहीं आया. 600 करोड़ से भी ज्यादा लगे इसे बनाने में और गिराने में भी लगे हैं लगभग 15 करोड़. उतना ही खर्च आएंगे लगभग सफाई में भी.
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) August 28, 2022
यह तो एक उदाहरण है एक सोसाइटी की एक अवैध इमारत को गिराया गया जिसे भ्रष्टाचार का प्रतीक माना गया. इस तरह के कई बड़े बड़े बिल्डिंग है जिसे भ्रष्टाचार का प्रतीक माना जाता है पर वह कोई उंगली उठा नहीं रहा है. सभी कोर्ट कचहरी से बचते हैं इसलिए इस तरह के भ्रष्टाचार के प्रतिक तो पूरे भारत में हैं. 2012 दिसंबर में ही में हाउसिंग सोसायटी के कुछ लोग इलाहाबाद हाई कोर्ट में दस्तक दी और जानकारी दी कि गार्डन एरिया में 2 अवैध टावर बना लिए गए हैं. लगभग 2 साल तक लड़ाई चली और अप्रैल 2014 में हाईकोर्ट ने टावर को गिराने के आदेश दिए इसके साथ-साथ 14% ब्याज के साथ जिनके फ्लैट बुक किए गए थे उन्हें पैसे भी लौटाई जाए, इसके बाद सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की पर 21 अगस्त 2021 को कोर्ट ने दोनों टावर को 3 महीने में गिराने की आदि का आदेश जारी किया. फरवरी 2022 से तैयारी शुरू हो गई 6 महीने लगे टावर गिराने की तैयारी में. भविष्य में सभी को सभी सचेत रहना होगा कि इस तरह के भ्रष्टाचार के प्रतीक टावर ना खड़े हो.यह हम सब के लिए शर्मनाक घटना थी.
भारत में बड़े बिल्डिंग को गिराने के ज्यादा उदाहरण उपलब्ध नहीं है इससे पहले केरल में 18 मंजिला अवैध इमारतों को गिराया गया था. आगे भविष्य में नौकरशाह और सरकार इतना इतनी गहरी नींद में ना सोए की फिर कोई ट्विन टावर खड़ा हो जाए. भारत के किसी और शहर में और इस तरह के नजारे भी देखने को मिले.यह हम सब के लिए शर्मनाक घटना थी.