Baba Sahab Dr Bhimrao Ambedkar की पुण्यतिथि के अवसर पर “स्मृति सह श्रद्धांजलि सभा” का आयोजन

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Muzaffarpur 6 December : Baba Sahab Dr Bhimrao Ambedkar बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर “स्मृति सह श्रद्धांजलि सभा” का आयोजन.

विश्व बंधुत्व के संदेशवाहक थे डॉ अंबेडकर-कुलपति

विश्वविद्यालय परिसर में अंबेडकर आयोजन समिति के सौजन्य से बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर “स्मृति सह श्रद्धांजलि सभा” का आयोजन किया गया।
*अंबेडकर आयोजन समिति द्वारा आगत अतिथियों को संविधान सभा की प्रति एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया।
*कवि एवं लेखक श्री राम उचित पासवान ने अंबेडकर स्तुति का पाठ किया।

Baba Sahab Dr Bhimrao Ambedkar की पुण्यतिथि के अवसर पर "स्मृति सह श्रद्धांजलि सभा" का आयोजन
Baba Sahab Dr Bhimrao Ambedkar की पुण्यतिथि के अवसर पर “स्मृति सह श्रद्धांजलि सभा” का आयोजन

Dr Bhimrao Ambedkar की पुण्यतिथि


इस अवसर पर कुलपति ने शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ अंबेडकर प्रखर समाज सुधारक, प्रभावशाली वक्ता, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री एवं सूझबूझ वाले ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने विश्व बंधुत्व का संदेश पूरी दुनिया को दिया। उन्होंने सामाजिक स्वतंत्रता पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि जब तक सामाजिक स्वतंत्रता नहीं मिलती है, कानून के द्वारा दी गई कोई भी स्वतंत्रता आमजन के काम नहीं आ सकती।

Baba Sahab Dr Bhimrao Ambedkar की पुण्यतिथि के अवसर पर "स्मृति सह श्रद्धांजलि सभा" का आयोजन
Baba Sahab Dr Bhimrao Ambedkar की पुण्यतिथि के अवसर पर “स्मृति सह श्रद्धांजलि सभा” का आयोजन

Dr Bhimrao Ambedkar

आज बाबा साहेब के विचार प्रासंगिक हैं। उनके विचारों पर अनवरत मंथन और संवाद होते रहना चाहिए। हमें बाबा साहब से प्रेरणा लेते हुए वह प्रण भी लेना होगा कि हम उनकी तरह सतत विद्यार्थी बने रहें। बाबा साहेब के बंधुत्व की भावना को जन-जन तक फैलाना हम सबों का दायित्व है।

मुख्य वक्ता डॉ सुकन पासवान ‘प्रज्ञा चक्षु’ पूर्व आरक्षी महानिरीक्षक ने कहा कि अंबेडकर एक विचारधारा हैं। बाबा साहेब अंबेडकर जीवन में शिक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया और कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य समृद्ध हो सकता है। बाबा साहब जाति प्रथा के विरोधी थे। उन्होंने जातिवाद से मुक्त आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ भारत का सपना देखा था। बाबा साहब के संपूर्ण विचार मंथन के दृष्टिकोण में सबसे महत्वपूर्ण महिला सशक्तिकरण था।


अन्य वक्ताओं में कुलसचिव डॉ संजय कुमार, कुलानुशासक डॉ अजीत कुमार, सीसीडीसी डॉ अमिता शर्मा, प्राचार्य डॉ ओपी राय, प्राचार्य डॉ ममता रानी, कॉलेज निरीक्षक डॉ प्रमोद कुमार, डॉ रामजी साह, वित्त पदाधिकारी श्री विनोद कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ टीके डे, प्रो अनिल कुमार ओझा, विधायक श्री विजेंद्र चौधरी, प्रो मनोज कुमार, डॉ रेणु कुमारी, डॉ कुसुम कुमारी, डॉ आभा रानी, डॉ सैयद आले मुज्तबा, डॉ ललित किशोर, डॉ विजय कुमार, डॉ विजेंद्र चौधरी, कर्मचारी संघ के श्री राघवेंद्र, श्री राम कुमार, छात्र नेता श्री चंदन यादव ने भी अपना विचार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का मंच संचालन पूर्व उपकुलसचिव श्री उमाशंकर दास एवं वर्तमान उपकुलसचिव डॉ विनोद बैठा ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन बुस्टा महासचिव डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता ने किया।

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