Muzaffarpur 23 January : आरडीएस कॉलेज के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में आयोजित Subhash Chandra Bose Jayanti नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती जयंती पर परिचर्चा के अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ एमएन रजवी ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के शिकंजे से देश को मुक्ति दिलाने के लिए उनके प्रयत्न ने उन्हें अग्रणी सेनानी के रूप में स्थापित किया।
Subhash Chandra Bose Jayanti at RDS College

स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सिपाही थे नेताजी -डॉ. रिजवी
21 अक्टूबर 1943 को उन्होंने स्वतंत्र भारत की अस्थाई सरकार बनाई तो दुनिया ने उसे चमत्कृत होकर देखा था। स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए उन्होंने भारतीय सिविल सेवा से इस्तीफा तक दे दिया। उनके त्याग और पराक्रम को दुनिया हमेशा याद रखेगी। निश्चित रूप से वे स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सिपाही थे।

वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार सुमन ने कहा कि देश की आजादी के लिए नेताजी के अद्वितीय साहस और उनकी रणनीति ने भारतीयों को निडर होकर औपनिवेशिक शासन का विरोध करने के लिए प्रेरित करते हुए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया था। उन्होंने युवाओं के भीतर आजादी के लिए लड़ने के बुलंद नारे ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ के साथ जज्बा पैदा किया था। इन नारों ने भारतीयों के दिलों में आजादी को लेकर जल रहे ज्वाला को और प्रदीप्त किया था।
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) January 22, 2024
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. अमिता शर्मा ने नेताजी को नमन करते हुए कहा कि वे छात्रों को भविष्य का उत्तराधिकारी मानते थे। अक्सर कहते थे कि देश के उद्धार की सच्ची शक्ति व सामर्थ्य उन्ही में है। सामाजिक चेतना और परिवर्तन के लिए वे छात्रों को गांव से संपर्क स्थापित करने के लिए करते थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ ललित किशोर एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनीष कुमार शर्मा ने किया।
मौके पर इतिहास विभाग के डॉ संजय कुमार सुमन, डॉ एमएन रिजवी, डॉ अनुपम कुमार, डॉ अजमत अली, डॉ ललित किशोर, डॉ मनीष कुमार शर्मा, गणेश कुमार शर्मा, शोधार्थी रंजना कुमारी, मणि कुमार यादव एवं इंदल कुमार उपस्थित थे।
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