विश्व श्रवण दिवस हर साल 3 मार्च को आयोजित किया जाता है ताकि दुनिया भर में बहरेपन और सुनवाई हानि को रोकने और कान और सुनने की देखभाल को बढ़ावा देने के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।श्रवण हानि के कई सामान्य कारणों को रोका जा सकता है, जिसमें तेज आवाज के संपर्क में आने से होने वाली सुनवाई हानि भी शामिल है. विश्व श्रवण दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नेत्रहीनता और बहरेपन की रोकथाम के कार्यालय द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित एक अभियान है। गतिविधियां दुनिया भर में होती हैं और 3 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। अभियान का उद्देश्य सुनवाई हानि की रोकथाम और बेहतर सुनवाई देखभाल की दिशा में जानकारी साझा करना और कार्यों को बढ़ावा देना है। पहला कार्यक्रम 2007 में आयोजित किया गया था। 2016 से पहले इसे अंतर्राष्ट्रीय कान देखभाल दिवस के रूप में जाना जाता था।

3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय बहरापन नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (एनपीपीसीडी) के तहत पूर्व की तरह इस साल भी कई जिलों में बचाव और देखभाल के लिए आम नागरिकों को जागरूक किया जायगा। पोस्टर बैनर और प्रचार के माध्यम से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में आकर मरीजों को जांच करवाने की अपील की जाएगी। इस प्रचार में यह बताया जाएगा कि हमें तेज ध्वनि से कैसे कानों को सुरक्षित रखा जा। अगर आपके कान में किसी तरह की कोई असुविधा हो रही हो कोई लक्षण दिख रहे हो संक्रमण के तो जांच अवश्य कराए।
कानों की उचित देखभाल के लिए विश्व श्रवण दिवस पर किया जाएगा जागरूक pic.twitter.com/nocfDo75eh
— Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) March 2, 2022
कुछ दवाओं के भी कान पर प्रतिकूल असर होते है। । सुनने की क्षमता कहीं उन दवाओं की वजह से तो कम नहीं हो रह। कान एक संवेदनशील अंग है आपके शरीर का। इसकी जांच नियमित रूप से कराएं अपने डॉक्टर से सलाह ले।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि श्रवण दिवस के अवसर पर बहरे होने के कारणों के प्रति भी जागरूक किया जाएग। एक आम बात यह है कि कान का इलाज लोग कराने में कोताही बरतते हैं जैसे कान की सफाई नहीं कराना कान कान बहने पर किसी से पूछ कर दवा ले लेना डॉक्टर के यहां नहीं जान। आम नागरिकों को जागरूक किया जाएगा और उन्हें नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच कराने की सलाह दी जाएगी।
बांका, बक्सर, गया, गोपालगंज, जमुई, कैमूर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, रोहतास, पश्चिमी चंपारण और वैशाली जिलों में प्रचार के माध्यम से कान के प्रति लोगों को जागरूक करने की योजना ह। बिहार के इन 12 जिलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर और बहरापन रोकने के लिए आप अपने को किस तरह सुरक्षित रख सकते हैं इसके लिए जागरूक करना है ।
कानों की देखभाल कैसे करें ? How to Protect Ears ? Tips to Prevent Hearing Loss.
१.कानों को साफ, धूल, पानी और मोम से मुक्त रखें। माचिस की तीली, पेंसिल के हेयरपिन जैसी नुकीली चीजों से कानों को न खुजलाएं, क्योंकि इनसे कान की नली में चोट लग सकती है
२.अपने आप को कान के पास चोट लगने से बचाएं क्योंकि इससे सुनने की समस्या हो सकती है जिसे वापस लाना असंभव होसकता है।
३.बिना डॉक्टर की सलाह के कान को साफ करने के लिए तेल या कोई अन्य तरल पदार्थ कान के अंदर न डालें। यदि आपको सूजन या कान से स्राव का अनुभव हो तो डॉक्टर से मिलें
४.गंदे पानी में तैरने से बचे या रुई या कॉटन से बंद कर लें कान.
५.सड़क के किनारे के कान सफाई करने वालों से अपने कान की सफाई न करवाएं क्योंकि वे अस्वच्छ उपकरणों का उपयोग करते हैं जिससे संक्रमण हो सकता है और नुकसान हो सकता है। कान साफ करने के लिए कॉटन बड्स का इस्तेमाल करें या डॉक्टर के पास जाएं.
६.तेज आवाज वाली जगहों पर जाने से बचें क्योंकि इससे आपके कान को गंभीर नुकसान हो सकता है.तेज आवाज वाली जगह पर काम करते हों तो कान बंद करने के उपाय करें जैसे एयरप्लग .
७.लगातार एक घंटे से ज्यादा ईयरफोन का इस्तेमाल न करें। यह भी सुनिश्चित करें कि आप डिवाइस के 60 प्रतिशत से अधिक वॉल्यूम पर संगीत न सुनें क्योंकि यह आपकी सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है।
८.अपने बच्चों का समय पर टीकाकरण अवश्य कराएं जैसे मेनिन्जाइटिस जैसे संक्रमणों के खिलाफ टीका
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) March 2, 2022
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