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Muzaffarpur 7 May : B.R.A. Bihar University के पीएचडी उपाधि की मौखिक परीक्षा में पहली बार माननीय कुलपति स्वयं उपस्थित रहे.

B.R.A. Bihar University के पीएचडी उपाधि की मौखिक परीक्षा

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में आज शिक्षा शास्त्र के शोधार्थी रामानंद भारती का हाइब्रिड मोड में पीएचडी उपाधि हेतु मौखिकी परीक्षा संपन्न किया गया. कुलपति डॉक्टर दिनेश चंद्र रॉय ने बिहार विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त इस सर्वश्रेष्ठ उपाधि के लिए होने वाली मौखिकी परीक्षा के लिए पहले ही अपनी उपस्थिति के लिए निर्देशित कर दिया था. उन्होंने निर्देशित किया है कि सभी विभागों की पीएचडी उपाधि के लिए होने वाली मौखिक की परीक्षा में वह स्वयं उपस्थित होंगे और गुणवत्ता का आकलन करेंगे.

Bihar University के पीएचडी की मौखिक परीक्षा में पहली बार कुलपति स्वयं उपस्थित रहे
Bihar University के पीएचडी की मौखिक परीक्षा में पहली बार कुलपति स्वयं उपस्थित रहे


शोधार्थी को पीपीटी के माध्यम से अपनी प्रस्तुति देनी होगी. पहली बार कुलपति ने स्वयं उपस्थित होकर इस पूरे मौखिक परीक्षा को संपन्न कराया और स्वयं भी शोधार्थी से शुद्ध प्रबंधन से शोध संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्न किया. इस अवसर पर शिक्षा संकाय की शंकाया अध्यक्ष प्रोफेसर संगीता रानी, दर्शनशास्त्र की विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर एल के साह और वाह्य विशेषज्ञ के रूप में प्रोफेसर कौशल किशोर, शिक्षा संकाय, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली उपस्थित रहे.


आंतरिक परीक्षक और शोध निदेशक प्रोफेसर संजय कुमार ने भी शोधार्थी के शोध प्रबंध की प्रशंसा की उन्होंने कहा कि शोधार्थी में मौलिक कार्य किया यह संपूर्ण आयोजन यूजीसी एमएमटीसी के व्याख्यान कक्ष में आयोजित किया गया वह यह विशेषज्ञ में आभासी पटेल पर शोभा भारती से कई प्रश्न पूछे जिनका शोधार्थी ने संतोषजनक उत्तर दिया क्योंकि बिहार विश्वविद्यालय में खुली मौखिकी परीक्षा संपन्न की जाती है.

इस अवसर पर लंगट सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर ओम प्रकाश राय, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफ़ेसर संजय कुमार, कुलानुशासक बी.ऐस.राय, महाविद्यालय निरीक्षक कल प्रोफेसर प्रमोद कुमार, डॉक्टर राजेश्वर कुमार, डॉक्टर भारती संहिता, प्रोफेसर विजय कुमार आदि उपस्थित थे.


यूजीसी एमएमटीसी के निदेशक प्रोफेसर राजीव कुमार झा ने इस आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब इससे विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता में वृद्धि होगी.

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