भारत में सावधान रहने की जरूरत. चीन से लगी तजाकिस्तान की सीमा पर 7.2 तीव्रता का भूकंप आया है. तुर्किय में आए विनाशकारी भूकंप ने 50हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है.
New Delhi 23 February: पिछले दिनों आए भूकंप से तुर्की सीरिया में 50 हजार से भी ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. कुछ घंटे पहले तजाकिस्तान की धरती पर भी 6.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि अफगानिस्तान से लेकर भारत तथा एशिया के कई देशों में महसूस किया गया. पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान ,चीन ,अफगानिस्तान, किर्गिस्तान के आसपास के इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.
#Earthquake in #Pakistan about an hour ago ! May Allah have mercy on us all. pic.twitter.com/a6QAZSxbUR
— Ahsan Chaudhary (@ahsan_ch6) February 23, 2023
चीन से लगी तजाकिस्तान की सीमा पर 7.2 तीव्रता का भूकंप आया है. तुर्किय में आए विनाशकारी भूकंप ने 50हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. आज से 2 दिन पहले 21 फरवरी को भी तेज भूकंप के झटके महसूस हुए थे. तुर्की के आसपास के टेक्टोनिक प्लेट के खिसकने जारी हैं जिन कारण भूकंप आने की आशंका अभी भी बनी है.
ऊँची इमारतों में रहने वालों को सावधान रहने की जरूरत है तथा मकान बनाते समय भूंकप का भी ख्याल रखा जाना चाहिए.
आपको बता दें हर वर्ष 5 सेंटीमीटर सड़क रही है भारतीय टेक्टोनिक प्लेट भी. हैदराबाद में स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एनजीआरआई के मुख्य वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि धरती के अंदर जो प्लेटें हैं वह लगातार हिलती है रहती है भारतीय प्लेटों में भी हलचल हो रही है. हर वर्ष 5 सेंटीमीटर खिसक रही है. आने वाले दिनों में भारत में भी विनाशकारी भूकंप आने की आशंका बनी है. तुर्की और सीरिया के जैसे बड़े भूकंप आने की संभावना भारत में बनी है.
#Turkiye still suffering and now another big #earthquake in #Tajikistan pic.twitter.com/3eQGAlrbUO
— Sofa Stream (@sofa_stream) February 23, 2023
भारत को सावधान रहने की जरूरत
उत्तर भारत के कई इलाके रेड जोन या जाने ४ में आते है भूकंप के. भूकंप के सबसे खतरनाक जोन जम्मू कश्मीर घाटी, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तराखंड, गुजरात का कक्ष, उत्तर बिहार के इलाके, पूर्वोत्तर के सभी राज्य तथा अंडमान अंडमान निकोबार दीप समूह है भूकंप के लिहाज से सबसे संवेदनशील इलाकों में आते हैं यह क्षेत्र.
पृथ्वी की परत सात बड़े और विशाल प्लेटों में विभाजित है प्लेट की मोटाई 50 मील होती है और पृथ्वी के अंदर कई छोटी प्लेटों के ऊपर धीमी गति से खिसकती रहती है. प्लेटो के खिसकने से गतिशीलता के कारण भूकंप महसूस किये जाते हैं.
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