Muzaffarpur 9 August : LS College में आईक्यूएसी की ओर से “भारत छोड़ो आंदोलन स्मृति दिवस” मनाया गया. इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इस आंदोलन के महत्व पर चर्चा की.
LS College में “भारत छोड़ो आंदोलन स्मृति दिवस”
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने इस आंदोलन से जुड़े सभी स्वंत्रता सेनानियो को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है. भारत छोड़ो आंदोलन के कारण देश में एकता और भाईचारे की एक विशिष्ट भावना पैदा हुई. छात्रों ने स्कूल-कॉलेज छोड़ दिये और लोगों ने अपनी नौकरी छोड़ दी. भावना और उत्साह की दृष्टि से इस आंदोलन ने अन्य सभी पूर्ववर्ती आंदोलनों को पीछे छोड़ दिया.

मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ अर्धेंदु ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन में ही करो या मरो का नारा दिया था. उस समय दूसरे विश्व युद्ध में उलझे इंग्लैंड को भारत में ऐसे आंदोलन की उम्मीद नहीं थी तथा इस आंदोलन से पूरी ब्रिटिश हुकूमत इससे हिल गई थी. 1857 के बाद देश की आजादी के लिए चलाए जाने वाले सभी आंदोलनों में 1942 का ये आंदोलन सबसे विशाल और सबसे तीव्र आंदोलन साबित हुआ था. आंदोलन के अंत तक ब्रिटिश सरकार को ये संकेत देना पड़ा था कि जल्द ही देश की सत्ता को भारतीयों के हाथ में सौंप दिया जाएगा.

प्रो विजय कुमार ने अपने संबोधन में आजादी के आंदोलन में प्राणों की आहुति देने वाले क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा दी गई शिक्षाओं को याद किया. प्रो एसएन अब्बास ने अपने संबोधन में भाषाई स्वाबलंबन की जरूरत पर बल दिया.
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) August 9, 2024
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आईक्यूएसी समन्वयक प्रो एसआर चतुर्वेदी ने कहा कि देश की आजादी तथा राष्ट्र निर्माण में महापुरुषों द्वारा किए गए योगदान से अगली पीढ़ी को अवगत कराना उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मौके पर डॉ साजिदा अंजुम, डॉ इम्तियाज, रोहन कुमार, ऋषि कुमार, इस्तेखार आलम, सत्येंद्र कुमार सहित अन्य मौजूद रहे