Muzaffarpur 23 October : SKJ Law College में शिक्षक कक्षा में ‘शिक्षा, शिक्षक और शिक्षण शैली’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विशेष व्याख्यान हेतु विश्वनाथ सिंह विधिक अध्ययन संस्थान मुंगेर के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ राजेश कुमार मिश्रा उपस्थित हुए.
SKJ Law College
कार्यशाला का प्रारंभ मुख्य अतिथि को महाविद्यालय के उप्राचार्य प्रोफेसर ब्रज मोहन आजाद द्वारा अंग वस्त्र एवं प्रशासक रत्नेश भारद्वाज द्वारा पौधा प्रदान कर सम्मानित कर किया गया. प्रोफेसर ब्रज मोहन आजाद ने अपने स्वागत भाषण में कार्यशाला के विषय ‘शिक्षा शिक्षक और शिक्षण शैली’ एवं शिक्षकों की भूमिका एवं महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि शिक्षकों का प्रमुख उद्देश्य छात्रों का व्यक्तित्व का विकास करना एवं चरित्र चरित्र निर्माण करना है जो शिक्षकों के शिक्षण शैली पर निर्भर करता है.
मुख्य अतिथि ने अपने विधि के क्षेत्र में अपने लंबे अनुभव का साझा करते हुए बताया कि शिक्षक छात्रों को अपने पुत्र के समान मानते हुए अपने ज्ञान एवं अनुभवों के आधार पर शिक्षित एवं प्रशिक्षित करें तो वह अपने भविष्य को सही दिशा में ले जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि शिक्षक एवं छात्रों के बीच में मित्रवत व्यवहार होने से उन्हें विषय की समझ बेहतर होगी एवं उनके स्तर में सुधार होगा. शिक्षकों का कार्य है बच्चों को ऐसी शिक्षा देना जो आत्मसात कर सके उन्होंने आगे बताया कि बच्चे जिस संस्थान में शिक्षा ग्रहण करते हैं वह उसके ब्रांड अम्बेसडर एवं चलते-फिरते विज्ञापन होते हैं. हम जैसी शिक्षा उन्हें देंगे वह वैसा बनेंगे.
शिक्षक छात्रों को अपने पुत्र के समान मानते हुए अपने ज्ञान एवं अनुभवों के आधार पर शिक्षित एवं प्रशिक्षित करें तो वह अपने भविष्य को सही दिशा में ले जा सकेंगे..बच्चे जिस संस्थान में शिक्षा ग्रहण करते हैं वह उसके ब्रांड अम्बेसडर एवं चलते-फिरते विज्ञापन होते हैं-डॉ राजेश कुमार मिश्रा
शिक्षक छात्रों के बीच सरल व्यवहार होने से बेझिझक अपने प्रश्नों को शिक्षक के साथ साझा कर अपने ज्ञान को बढ़ा सकेंगे. शिक्षकों के व्यक्तित्व के कारण शिक्षण प्रभावित हो सकता है इसलिए उनका सामाजिक एवं नैतिक होना चाहिए इसके साथ विवेकी भी होना चाहिए. ज्ञान का संचार करने के लिए शिक्षकों को अपने विषय में प्रवीणता हासिल करना होगा तभी वे छात्रों में सही ज्ञान को संचार कर सकेंगे. शिक्षक एवं छात्रों के मध्य पारस्परिक क्रिया किसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर होनी चाहिए तभी वह सफलता को प्राप्त कर सकेंगे. शिक्षकों को अपने शिक्षण शैली में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि वह सब छात्रों को शिक्षा के साथ तकनीकी रूप से भी सक्षम बना सके.
SKJ Law College में डॉ. श्री कृष्ण सिंह की जयंती https://t.co/f7WssHHETV #Muzaffarpur
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) October 21, 2024
इस कार्यशाला में महाविद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित थे जिसमें मुख्य रूप से नैक समन्वयक प्रो. आशुतोष कुमार, प्रोफेसर आर ए सहाय, डॉ अर्चना अनुपम, डॉ रवि रंजन राय, प्रोफेसर आशीष कुमार, प्रोफेसर आशुतोष कुमार, प्रोफेसर डीके मिश्रा, डॉ सत्यव्रत, प्रोफेसर शक्ति कुमार, प्रोफेसर विपन कुमार, प्रोफेसर मधु कुमारी, प्रोफेसर नितेश कुमार, प्रोफेसर बीएम दीक्षित, प्रोफेसर पीके ओझा, प्रोफेसर दीक्षा राशि, प्रोफेसर सौम्या साक्षी, प्रोफेसर स्वरूप प्रियदर्शी, प्रोफेसर शिवम कुमार, प्रोफेसर दिलीप कुमार, प्रोफेसर धनंजय पांडे, प्रोफेसर हैदर फारूकी, प्रोफेसर रजनीश कुमार, प्रोफेसर रवीश कुमार, डॉ अजय कुमार, प्रोफेसर आदर्श नमन, प्रोफेसर अभिषेक आनंद, आदि .
कार्यशाला का संचालन महाविद्यालय NSS के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रोफेसर पंकज कुमार के द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्रशासक प्रोफेसर रत्नेश भारद्वाज के द्वारा किया गया .