H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस : देश के कई राज्यों में H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं. इस बीमारी के लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं. अब झारखंड और बिहार में भी कोरोना से मिलती जुलती लक्षणों वाली बीमारी एच3एन2 इंफ्लूएंजा फैलने लगा है. इसके सभी लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं जिसे तीन वर्ष पहले कोरोना की महामारी कहा गया और पुरे विश्व में लॉकडाउन लगाया गया. इसके लक्षण को नजर अंदाज करने वाले लोगों को भारी पड़ सकता है. इस बीमारी से जान जाने तक का खतरा भी है. अब तक मीडिया में आय समाचारों के अनुसार दो लोगों की मृत्यु(Haryana & Karnataka) हुई है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, कुछ महीनों में कोविड के मामले कम हुए हैं, लेकिन H3N2 के मामले में बढ़ोतरी हुई है.
दुनिया भर में कई प्रमुख स्थानों में इन्फ्लुएंजा वायरस सब टाइप H3N2 से संक्रमित रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। मरीजों में बुखार, खांसी, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और नाक बंद होने जैसे सभी H3N2 लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह वायरस सबसे तेजी से फैलने वाले वायरस में से एक के रूप में प्रसिद्ध है और बहुत से लोगों को बहुत बीमार कर दे रहा है।
Classification : H3N2 Influenza वायरस क्या है?
H3N2 वायरल जीनस इन्फ्लुएंजावायरस ए का एक सब टाइप है H3N2 वायरल जीनस इन्फ्लुएंजावायरस ए का एक सब टाइप है, जो ह्यूमन इन्फ्लूएंजा का एक महत्वपूर्ण कारण है। इसका नाम इसके कोट, हेमाग्लगुटिनिन (एच) और न्यूरोमिनिडेस (एन) की सतह पर दो प्रकार के प्रोटीन के रूपों से निकला है। H3N2 अन्य इन्फ्लूएंजा सब टाइप के साथ आंतरिक प्रोटीन के लिए जीन का आदान-प्रदान करता है।
H3N2 संक्रमण के लक्षण
H3N2v संक्रमण के लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं और इसमें बुखार और श्वसन संबंधी लक्षण, जैसे कि खांसी और नाक बहना, और संभवतः अन्य लक्षण, जैसे शरीर में दर्द, मिचली, उल्टी, या दस्त शामिल हो सकते हैं। डॉ. ने बताया कि अगर ऐसा कोई भी लक्षण भी दिखता है तो सबसे पहले इलाज कराए और घर में किसी सदस्य को है लक्षण तो एन-95 मास्क का प्रयोग करें. क्योंकि यह वायरल बीमारी है, सांसों के जरिए भी एक दूसरे में जा सकता है ।
H3N2 संक्रमण से बचने के उपाय
इस जानलेवा बीमारी को लेकर रिम्स रांची के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ संजय ने बताया कि इस बीमारी में लंबी खांसी, सांस फूलने, साथ ही बॉडी में लगातार थकन की शिकायत रहती है. अगर ऐसा कोई भी लक्षण लगे तो तुरंत जांच करना चाहिए. अगर समय पर जांच नहीं करते है तो अंतिम समय पर लोगों को बचा पाना मुश्किल हो जाता है. जिससे जान जाने का खतरा बना रहता है. वही समय पर पता चल जायेगा तो रोगी को बचाना आसान हो जाता है.
Here’s everything you need to know about the Influenza A H3N2 virus, which is currently causing respiratory illness! @MoHFW_INDIA #H3N2Influenza pic.twitter.com/CJtb22dC6J
— DD News (@DDNewslive) March 12, 2023
Treatment For H3N2 वायरस
भारत में सभी डॉक्टरों को भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) द्वारा बताया जा रहा है कि वे H3N2 वायरस से पीड़ित रोगियों का उपचार एंटीबायोटिक्स से नहीं करें। पहले उनका लक्षणानुसार उपचार करें। कई डॉक्टरों और शोधकर्ताओं के अनुसार, गंभीर H3N2 लक्षण केवल तीन दिनों तक रहते हैं लेकिन खांसी की समस्या को पूरी तरह से दूर होने में कम से कम 2 सप्ताह से अधिक का समय लगता है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control) के अनुसार, बुखार, खांसी, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और नाक बंद होने के अधिकांश मामले इन्फ्लुएंजा वायरस सब टाइप H3N2 के कारण हो रहे हैं।
क्या करें और क्या न करें?
जितना हो सके फ्रेश और लिक्विड डाइट लें. बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें. आराम करें.अधिकांश शोधकर्ताओं और डॉक्टर ने कहा है कि इन्फ्लूएंजा वायरस के लिए निर्धारित एंटीवायरल दवाएं इस H3N2 वैरिएंट पर भी लागू होती हैं। सभी पाठकों से अनुरोध है कि चिकित्सक द्वारा बताए गए दवा का कोर्स हमेशा पूरा करें। दवा केवल तभी लें जब किसी सत्यापित चिकित्सक ने उन्हें आपके लिए निर्धारित (प्रेसक्राइब) किया हो।
H3N2 वायरस का संक्रमण कैसे हो सकता है?
पहले से H3N2 वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो सकता है।इन्फ्लुएंजा वायरस ज्यादातर संक्रमित सूअरों के संपर्क में आने से किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं। जो लोग अपने खेतों और घरों में सूअर पालते हैं, वे संक्रमित सूअरों के खांसने या छींकने या शारीरिक संपर्क में आने पर हवा के माध्यम से H3N2 वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।
H3N2 वायरल बीमारी से बचने के लिए प्रोटोकॉल
कोरोना से बचने के जो उपाय किया गए थे उन्हें दुहराना है H3N2 वायरस से संक्रमित होने पर. H3N2 वायरल बीमारी से बचने के लिए कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत जरूरी है:-
H3N2 वायरल बीमारी से बचने के लिए 10 बातों का रखें ध्यान | |
1 | अपने हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोएं. |
2 | अपनी नाक और मुंह को बार-बार न छुएं . |
3 | मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें. |
4 | खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढकें |
5 | हाइड्रेटेड रहें और खूब सारे तरल पदार्थों का सेवन करें. |
6 | बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें. |
7 | सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से भी बचिए. |
8 | हाथ मिलाने जैसे संपर्क-आधारित अभिवादन का इस्तेमाल न करें. |
9 | इंफेक्टेड होने पर दूसरे में इन्फेक्शन न हो इसलिए सामूहिक स्थान से दुरी बना लें. |
10 | डॉक्टर के परामर्श के बिना कोई भी दवा न लें. |
FAQ Related to H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस
H3N2 Influenza वायरस क्या है?
H3N2 वायरल जीनस इन्फ्लुएंजावायरस ए का एक सब टाइप है.
H3N2 वायरल बीमारी से बचने के लिए किन बातों का रखें ध्यान?
H3N2 वायरल बीमारी से बचने के लिए ऊपर लिखे 10 बातों का रखें ध्यान.
H3N2 संक्रमण के लक्षण क्या क्या हैं ?
H3N2v संक्रमण के लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं और इसमें बुखार और श्वसन संबंधी लक्षण, जैसे कि खांसी और नाक बहना, और संभवतः अन्य लक्षण, जैसे शरीर में दर्द, मिचली, उल्टी, या दस्त शामिल हो सकते हैं।
H3N2 वायरस का संक्रमण कैसे हो सकता है?
संक्रमित सूअरों के खांसने या छींकने या शारीरिक संपर्क में आने पर हवा के माध्यम से H3N2 वायरस से संक्रमण फ़ैल सकता है ।
संक्रमण होने पर क्या करें और क्या न करें?
जितना हो सके फ्रेश और लिक्विड डाइट लें. बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें. आराम करें.दवा केवल तभी लें जब किसी सत्यापित चिकित्सक ने उन्हें आपके लिए निर्धारित (प्रेसक्राइब) किया हो।
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