Muzaffarpur 5 May : The Buddha भारतीय मूलनिवासी सांस्कृतिक मंच, मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में विश्व विभूति पुस्तकालय अतरदह के प्रांगण में “वर्तमान समय में बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता”विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में सामाजिक चिंतक शाहिद कमाल ने कहा कि दुनिया को अपने विचारों से नया मार्ग दिखाने वाले महात्मा बुद्ध भारत के एक महान दार्शनिक,समाज सुधारक और बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनके विचार ने अपनी ग्लोबल पहचान बनाई है और पूरे विश्व को प्रभावित किया है। इसलिए बुद्ध पूरे विश्व की बौद्धिक विरासत हैं। बुद्ध ने वैदिक परंपरा के कर्मकाण्डों पर जबर्दस्त प्रहार किया। भारतीय सांस्कृतिक विरासत में नवाचार की गुंजाइश पैदा की। बुद्ध के विचार आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं।

विषय प्रवेश कराते हुए समाजसेवी श्री मुंद्रिका दास ने कहा कि बुद्ध के दर्शन का सबसे महत्वपूर्ण विचार है “अप दीपो भव”अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो। बुद्ध ने कहा कि हर व्यक्ति के भीतर सृजनात्मक संभावनाएं होती है इसलिए व्यक्ति को अंधानुकरण करने के बजाय स्वयं अपना रास्ता बनाना चाहिए। बुद्ध ने अपने धर्म में सामाजिक, आर्थिक, बौद्धिक और राजनीतिक स्वतंत्रता व समानता की शिक्षा दी है। सांसारिक दुखों से मुक्ति के लिए बुद्ध ने आष्टांगिक मार्ग पर चलने की बात कही है।
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) May 5, 2023
कार्यक्रम का संचालन श्री मुंद्रिका दास एवं धन्यवाद ज्ञापन दिलीप बौद्ध ने किया
मौके पर पूर्व शिक्षा पदाधिकारी श्री रविंद्र प्रसाद, वरीय अधिवक्ता श्री अशेशवर राय, शंभू राम, शैलेंद्र भारती, महेश्वर प्रसाद सिंह बौद्ध, दिलीप बौद्ध, अरुण कुमार, राजेंद्र पंडित, लालदेव पंडित, गिरीश चंद्र साथी, ने अपने विचार रखे।
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