Muzaffarpur 10 December : Rambriksh Benipuri Jayanti रामवृक्ष बेनीपुरी जयंती समारोह जो 23 दिसंबर को मनाया जाएगा. उप विकास आयुक्त ने इसकी तैयारी को लेकर कार्यालय प्रकोष्ठ में संबंधित पदाधिकारी के साथ विचार विमर्श किया । इस बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा पर निर्णय लिया गया ।

विकास प्रभारी ने बताया कि उनके पैतृक गांव में उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाएगा । तत्पश्चात 12:00 बजे माल्यार्पण और उनके साहित्य पर परिचर्चा की जाएगी ।आगंतुक एवं आमंत्रित साहित्यविद उनके जीवन शैली जीवन वृत्त और उनके रचनाओं पर विस्तृत प्रकाश डालेंगे। बैठक में डीपीआरओ दिनेश कुमार डीपीओ आईसीडीएस चांदनी सिंह उप निर्वाचन पदाधिकारी सत्यप्रिय कुमार गोपाल फलक भी उपस्थित थे।

Rambriksh Benipuri परिचय
रामवृक्ष बेनीपुरी (23 दिसंबर, 1899 – 7 सितंबर, 1968) भारत के एक महान विचारक, दार्शनिक, क्रांतिकारी साहित्यकार, पत्रकार और संपादक थे। वह हिन्दी साहित्य में शुक्ल युग के एक प्रमुख लेखक थे। बेनीपुरी ने गद्य लेखक, शैलीकार, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और हिंदी प्रेमी के रूप में अपनी प्रतिभा से अमिट छाप छोड़ी।
राष्ट्र निर्माण, सामाजिक संगठन और मानवता की विजय को अपना लक्ष्य मानकर बेनीपुरी ने ललित निबंध, रेखा चित्र, स्मरण, रिपोर्ताज, नाटक, उपन्यास, लघु कहानी, बाल साहित्य आदि विभिन्न गद्य विधाओं में उल्लेखनीय रचनाएँ प्रस्तुत कीं। शानदार कार्य आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।
साहित्यिक रचनाओं की संख्या लगभग सौ है, जिनमें से अधिक रचनाएँ ‘बेनीपुरी ग्रंथावली’ नाम से प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कृतियों में से ‘गेहूँ और गुलाब’ (निबन्ध और रेखाचित्र), ‘वन्दे वाणी विनायकौ (ललित गद्य), ‘पतितों के देश में (उपन्यास), ‘चिता के फूल’ (कहानी संग्रह), ‘माटी की मूरतें (रेखाचित्र), ‘अंबपाली (नाटक) विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
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