Muzaffarpur 22 April : RDS College रामदयालु सिंह महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में पृथ्वी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व एनएसएस समन्वयक व पूर्व प्राचार्य डॉ विजय कुमार जायसवाल उपस्थित रहे.
Earth Day in RDS College


RDS College रामदयालु सिंह महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में पृथ्वी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व एनएसएस समन्वयक व पूर्व प्राचार्य डॉ विजय कुमार जायसवाल ने कहा कि मानव सभ्यता को बचाने के लिए पृथ्वी संरक्षण जरूरी है। मानव सभ्यता का अस्तित्व और पृथ्वी का संरक्षण एक दूसरे से जुड़ा है। पृथ्वी पर मानव जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों और वातावरण के संरक्षण के बिना मानव सभ्यता का भविष्य खतरे में है। हमारे स्वास्थ्य, हमारे परिवारों और हमारी धरती को एक साथ संरक्षित करने का समय आ गया है।

पृथ्वी दिवस आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की वर्षगांठ का प्रतीक है जो पहली बार 1970 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील एवं पृथ्वी के संरक्षण के लिए जागरूक करना है। एनएसएस के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपकी उम्र चाहे जो भी हो या आप कहीं भी रहते हों आप पृथ्वी को अधिक स्वस्थ और टिकाऊ बनाने में योगदान दे सकते हैं और ऐसा करते हुए शांति की स्थापना एवं शांतिपूर्ण जीवन को सुदृढ़ बना सकते हैं। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि किस प्रकार हमारी धरती का दोहन हुआ है।

अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने पृथ्वी संरक्षण के प्रयास पर बल दिया, कहा कि पृथ्वी हमारी मां है, इसकी रक्षा और सेवा करना हमारा धर्म है। मां की सेवा और संरक्षण की दिशा में एनएसएस के स्वयंसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने मुख्य अतिथि, शिक्षक गण व एनएसएस स्वयंसेवकों को कार्यक्रम के आयोजन के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने गीत गाकर एनएसएस के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया।
“कदम कदम पर साथियों चिराग सौ जलाएंगे
नई जहां में नया सफर बनाएंगे
जमीन की पुकार सुन कुदाल हम उठाएंगे
पृथ्वी को बचाएंगे…. पृथ्वी को बचाएंगे……

विश्वविद्यालय एनएसएस समन्वयक डॉ अनुराधा पाठक ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनका महत्व बहुत अधिक है। स्वयंसेवक युवाओं को समाज सेवा में सक्रिय रूप से भाग लेने और सामुदायिक विकास में योगदान देने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं।
डॉ नीरज मिश्रा ने कहा कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से पृथ्वी की रक्षा केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारी आत्मा की रक्षा भी है। पृथ्वी हमारे जीवन की आधारशिला है और उसकी रक्षा करके हम अपनी आत्मा को बचाते हैं।


**इस अवसर पर कॉलेज अवस्थित बोटैनिकल गार्डन में एक दर्जन से अधिक आयुर्वेदिक पौधे लगाए गए।
**राष्ट्रीय सेवा योजना के एक दर्जन से अधिक स्वयंसेवकों ने पेंटिंग और रेखाचित्र बनाकर पृथ्वी संरक्षण का संदेश दिया।
कार्यक्रम में इतिहास विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक व सीनेटर डॉ संजय कुमार सुमन, डॉ एमएन रजवी, समन्वयक डॉ सौरभ राज, डॉ रजनीकांत पांडे, डॉ राजीव कुमार, डॉ नीरज कुमार मिश्रा, डॉ सारिका चौरसिया, डॉ राजेश कुमार, डॉ चौधरी संजय कुमार सिंह ,डॉ ललित किशोर, श्री निर्मल शर्मा, मनीष कुमार आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किये।
Bihar University पृथ्वी दिवस 2025 पर वनस्पति विज्ञान विभाग https://t.co/xrAGCnL5s0 #EarthDay pic.twitter.com/XhL9F0j8WA
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) April 22, 2025
कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का स्वागत एनएसएस समन्वयक डॉ सौरभ राज ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ रजनीकांत पांडे ने किया।