World Blood Doantion Day : विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदान महादान जागरुकता कार्यशाला का आयोजन

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विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदान महादान जागरुकता कार्यशाला का आयोजन

Muzaffarpur 15 June : विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदान महादान जागरुकता कार्यशाला का आयोजन हुआ. भगवानपुर, वैशाली, स्थानीय लक्ष्मी नारायण महाविधालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की भगवानपुर इकाई द्वारा आजादी के अमृतोत्सव महोत्सव के अन्तर्गत चलाए जा रहे अभियान के अन्तर्गत विश्वरक्तदान दिवस के अवसर पर रक्तदान महादान जागरुकता कार्यशाला का आयोजन सह जागरूकता का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का शुभारंभ कालेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. रणवीर कुमार राजन की अध्यक्षता में किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को रक्तदान के महत्व और समझ के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझाया। उन्होंने बताया की रक्तदान महादान है इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है जिससे कैंसर से भी बचाव होता है l उन्होंने कहा की एनएसएस स्वयंसेवकों की टोली बनाकर अपने अपने पंचायत स्तर पर आम नागरिकों को जागरूक करें।

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कार्यक्रम का सफल संचालन एन एस एस नोडल आफिसर एवम रेड रिबन क्लब जिला नोडल आफिसर डॉ वीणा ने किया एवम उन्होंने रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया की विश्व रक्तदाता दिवस 2022 की इस बार की थीम है “रक्तदान करना एकजुटता का कार्य है। प्रयास में शामिल हों और जीवन बचाएं”। यह उन भूमिकाओं की ओर ध्यान आकर्षित करने पर केंद्रित है जो स्वैच्छिक रक्त दाताओं को बचाने में निभाते हैं। थीम का उद्देश्य नियमित वर्ष के लिए प्रतिबद्ध दाताओं की आवश्यकता को उजागर करना है- रक्तदान, पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखना और सुरक्षित रक्त आधान के लिए सार्वभौमिक और समय पर पहुंच प्राप्त करना है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुमार आदित्य सचिव, फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडियाबिहार चैप्टर रहे। उन्होंने बताया की रक्तदान से शरीर में आयरन और प्रोटिन के संतुलन में सहायता मिलती है जिससे कई सारी बीमारियों से बचाव संभव हो पाता है एवं आर. बी. सी., डब्ल्यू. बी. सी. के सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा कर खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस को बढ़ाने में भी मदद मिलती है, इस बात पर प्रकाश डाला I


कार्यक्रम को कॉलेज के कई प्रोफेसर्स ने संबोधित किया और सभी ने रक्तदान करने की और समाज में जागरूकता फैलाने की शपथ भी ली।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोविज्ञान विभागध्यक्ष डॉ मिहिर प्रताप ने कहा की विश्व में सर्वप्रथम महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टेनर ने ए बी ओ ब्लड ग्रुप सिस्टम का अविष्कार किया। उन्होंने विश्व के सभी देशों में रक्तदान के योगदान का महत्वपूर्ण वर्णन किया। एक ब्लड यूनिट को तीन अंगों में विभाजित किया जाता है जिसमे आर बी सी, प्लाज्मा एवम प्लेटलेट्स तीन लोगों को दिया जा सकता है।

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कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन श्री शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी एनएसएस स्वयमसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनमे नेहा, शालिनी, श्वेता, दीपक, सलोनी, आदित्य गौरव, सौरव इत्यादि रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविधालय के सभी शिक्षकों एवम शिक्षेकेतर सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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