RDS College में शहीद दिवस मनाया गया

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Muzaffarpur 10 December : RDS College में मंगलवार को शहीद महेश शाही और प्रो निगमानंद कुमार को शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्रों ने श्रद्धांजलि दी।
10 दिसंबर 1966 ई को महाविद्यालय के छात्र महेश शाही व उनको बचाने को आगे बढ़े लोकप्रिय शिक्षक प्रो निगमानंद कुंवर दोनों पुलिस की गोली से शहीद हुए थे। तब से उनकी याद में प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को कॉलेज परिसर स्थित उनके स्मारक स्थल पर उनकी प्रतिमाओं को माल्यार्पण और संध्या में दीप जलाकर उन्हें याद किया जाता है।

RDS College में शहीद दिवस

RDS College में शहीद दिवस मनाया गया
RDS College में शहीद दिवस मनाया गया
RDS College में शहीद दिवस मनाया गया
RDS College में शहीद दिवस मनाया गया

प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला शहीद दिवस

शहादत की इस गाथा को जीवित रखने के लिए, हर साल 10 दिसंबर को महाविद्यालय में एक मौन जुलूस निकाला जाता है। शिक्षक, कर्मचारी, और छात्र प्रशासनिक भवन से शहीद स्थल तक जाकर प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करते हैं। यह आयोजन अब महाविद्यालय के वार्षिक पर्व का रूप ले चुका है।

डॉ. अनिता सिंह के नेतृत्व में इस वर्ष भी यह परंपरा निभाई गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों, छात्रों और कर्मियों की उपस्थिति ने यह साबित किया कि यह श्रृंखला नई पीढ़ी तक जारी रहेगी।

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शहीदों की याद में RDS College परिसर में मौन जुलूस निकाला गया, जो स्मारक स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि सभा में तब्दील हो गया।

शहीदों की याद में कॉलेज परिसर में मौन जुलूस निकाला गया, जो स्मारक स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि सभा में तब्दील हो गया। शाम में शहीद स्थल पर कैंडल जलाकर शहीदों को याद किया गया।

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प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने कहा कि छात्र महेश शाही और प्रो निगमानंद कुंवर का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनकी याद में कॉलेज आगे कई कार्यक्रम आयोजित करेगा एवं उनके नाम पर कॉलेज परिसर में कई ब्लॉक खोले जाएंगे।

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श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए डॉ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि 1966 में जनतांत्रिक अधिकार की लड़ाई में महाविद्यालय के छात्र महेश शाही और प्रो निगमानंद कुवंर पुलिस की गोली से शहीद हो गए थे। उसके बाद पूरे बिहार में आंदोलन हुआ और पहली बार कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में गैर कांग्रेसी सरकार गठित हुई। प्रत्येक वर्ष कॉलेज में शहीद दिवस के रूप में दोनों शहीदों को याद किया जाता है।

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1966 के समय के पूर्ववर्ती छात्र श्री डीके विद्यार्थी ने उस समय के आंदोलन के बारे में विस्तार से बताया। वे भी पुलिस की लाठी से घायल हो गए थे। कहा कि ऐसा उदाहरण बहुत कम मिलता है कि एक गुरु अपने शिष्य को बचाने के लिए उसके साथ शहीद हो गए। इनके त्याग और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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RDS College में शहीद दिवस मनाया गया
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दिन के कार्यक्रमों में एक मौन जुलूस शामिल था, जिसका समापन स्मारक स्थल पर हुआ, जहां एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। शाम को, श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदों के स्मारक पर मोमबत्तियाँ जलाई गईं।

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श्रद्धांजलि सभा में डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता, एलएन मिश्रा मैनेजमेंट कॉलेज के कुलसचिव डॉ शर्तेंदु शेखर, डॉ रामकुमार, डॉ नीलिमा झा, छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ आलोक प्रताप सिंह, जैतपुर कॉलेज के प्राचार्य डॉ राकेश कुमार सिंह, सीनेटर डॉ संजय कुमार सुमन, कॉलेज शिक्षक सचिव डॉ एम एन रजवी, डॉ सत्येंद्र प्रसाद सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार, डॉ अनुराधा पाठक, डॉ सुमन लता, डॉ आयशा जमाल, डॉ श्रुति मिश्रा, डॉ रजनीकांत पांडे, डॉ सौरभ राज, डॉ श्याम बाबू शर्मा, डॉ हसन रजा, डॉ आशुतोष मिश्रा, लाइब्रेरियन डॉ पूनम कुमारी, डॉ वंदना, डॉ पूनम कुमारी, डॉ ललित किशोर, डॉ मीनू कुमारी, डॉ ईला, डॉ गणेश कुमार शर्मा, श्री निर्मल कुमार शर्मा(प्रधान लिपिक), श्री पंकज भूषण,श्री राजेश कुमार ‘गोल्टू’, श्री मनीष कुमार, डॉ रवि शंकर आदि उपस्थित रहे।

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एक प्रेरणा का स्रोत

रामदयालु सिंह महाविद्यालय न केवल अपने शहीदों की स्मृति को संजोए हुए है, बल्कि उनके आदर्शों और बलिदान की विरासत को भी आगे बढ़ा रहा है। यह आयोजन छात्रों और शिक्षकों के बीच सामंजस्य और प्रेरणा का एक अद्वितीय उदाहरण है।

शहीदों को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि। उनकी कुर्बानी हमारे समाज के विकास और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी।

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