Single Use Plastic is Banned : प्लास्टिक का कचरा बिखरा पड़ा है जिसे कम करने में सभी को सहयोग करना होगा.

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खुलेआम मुजफ्फरपुर में बिक रहे हैं सिंगल यूज प्लास्टिक से बने सामान चौक चौराहों पर. नगर निगम की छापेमारी में लगभग ₹50000 जुर्माने में भी वसूले गए हैं. साथ ही लगभग 60 किलो प्लास्टिक के जब किए गए हैं. इसके बाद भी शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग और बिक्री रोक नहीं पा रहा है.

Muzaffarpur 4 August : मुजफ्फरपुर नगर निगम ने जुलाई महीने में अब तक 234 छापे मारे हैं सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए. मुजफ्फरपुर नगर निगम के छापों का असर पॉलिथीन या सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री पर थोड़ा भी असर नहीं डाल पा रहा है. खुलेआम मुजफ्फरपुर में बिक रहे हैं सिंगल यूज प्लास्टिक से बने सामान चौक चौराहों पर. नगर निगम की छापेमारी में लगभग ₹50000 जुर्माने में भी वसूले गए हैं. साथ ही लगभग 60 किलो प्लास्टिक के जब किए गए हैं. इसके बाद भी शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग और बिक्री रोक नहीं पा रहा है. छोटे दुकानदार अब भी प्लास्टिक पन्नी का उपयोग कर रहे हैं. चोरी-छिपे थाली गिलास और सब्जियों को देने में पत्नी का उपयोग हो रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक को आम भाषा में पन्नी बोला जाता है बिहार में.

गर निगम की धावा दल अघोरिया बाजार चौक पर


नगर निगम की जब धावा दल पहुंचती है तो दुकानदार आक्रोशित भी हो जाते हैं और कुछ दुकानदार मिलकर अपना गुस्सा भी दिखाने लगते हैं. जैसा कि कल अघोरिया चौक पर मंगलवार शाम को देखने को मिला. अघोरिया बाजार चौक पर जब धावा दल पहुंचा एक बिजली की दुकान पर तब आसपास के सभी दुकानदार ने मिलकर धावा दल को वापस लौटने में विवश कर दिया. वैसे धावा दल भी कुछ ज्यादा ही बल प्रयोग कर रही थी.


गौरतलब है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के भारत में अब प्रतिबंधित कर दिया गया है. बिहार में भी सिंगल उस प्लास्टिक पर प्रतिबंध है और इसकी इसके उपयोग पर.


सबसे बड़ी बात तो देखी गई श्रावणी मेला में चारों तरफ सिंगल यूज प्लास्टिक से बने ग्लास और प्लेट बिखरे पड़े नजर आ रहे थे. जबकि मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी ने नो प्लास्टिक की घोषणा की थी श्रावणी मेले में. बरसात के मौसम में प्लास्टिक और पन्नी से बने सामानों का उपयोग बढ़ जाता है. कांवरिया तो अपने को ढकने के लिए भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं.

श्रावणी मेला में चारों तरफ सिंगल यूज प्लास्टिक से बने ग्लास और प्लेट बिखरे पड़े नजर आ रहे थे


प्रशासन के साथ-साथ आम जनता और दुकानदारों को इसमें सहयोग देना पड़ेगा और धीरे-धीरे प्लास्टिक को का उपयोग बंद करना होगा. यह उनके और समाज के लिए उपयोगी साबित होगा. दिनचर्या के उपयोग में प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें क्योंकि प्लास्टिक अब हमारे घर में बुरी तरह प्रवेश कर चुका है. जिससे छुटकारा पाना आसान नहीं है पर प्रयास करने से सफलता मिल सकती है. पीने का पानी के लिए जो फिल्टर का उपयोग किया जा रहा आरओ सिस्टम भी प्लास्टिक से बना होता है. फ्रिज में वाटर बोतल भी, ज्यादातर वाटर बोतल प्लास्टिक के ही बने होते हैं. हमारे चारों तरफ प्लास्टिक का कचरा बिखरा पड़ा है जिसे कम करने में सभी को सहयोग करना होगा.

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