बजट सत्र के दौरान सभी विश्वविद्यालय के अतिथि प्राध्यापक सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर पटना में करेंगे आंदोलन। सभी ग्यारह विश्वविद्यालय के अतिथि प्राध्यापक दस दिनों तक धरना एवं भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
Patna 19 February: बिहार राज्य विश्वविद्यालय अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के संयोजक मंडल की बैठक पटना में हुई जिसमें बिहार सरकार से मांग की गई कि राज्य परम्परागत विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा समायोजित करते हुए नियमित की जाय।इनकी नियुक्ति यू जी सी एवं बिहार सरकार के नियमों के अनुसार स्वीकृत रिक्त पदों पर की गई है। विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोग के समान मापदंडों पर विश्वविद्यालय चयन समिति गठित कर अर्न्तवीक्षा के बाद रोस्टर का पालन करते हुए इनकी नियुक्ति की गई।कहने के लिये तो इनका काम केवल पढ़ाना है और भुगतान भी घंटी आधारित है जो अधिकतम प्रति माह 50000 रूपये हो सकती है।

*वस्तु स्थिति यह है कि अतिथि सहायक प्राध्यापकों से आवश्यकतानुसार सभी अन्य कार्य लिए जाते हैं,जैसे शिक्षण, वीक्षण, एवं अन्य कार्य।
*दूसरी बात है कि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को नैक से एक्रीडेशन के लिए शिक्षकों की अपर्याप्त संख्या के कारण अतिथि सहायकों का नाम भी शिक्षकों की श्रेणी में जोड़ रही है।किन्तु दूसरी तरफ अतिथि सहायक प्राध्यापकों के नियमिति करण की मांग से सरकार कन्नी काट रही है।यह एक तरह का ” सफेद शोषण ” ही है।
मुजफ्फरपुर में समाधान यात्रा के दौरान अतिथि प्राध्यापकों ने सीएम को सौंपा ज्ञापन – GoltooNews https://t.co/58JfLpazRm #Muzaffarpur #BiharNews
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) February 15, 2023
अनेक बार मुख्यमंत्री,उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के साथ-साथ विभिन्न दलों के प्रभावशाली नेताओं की अपनी समस्या के समाधान के लिए मिल चुकें हैं और ज्ञापन दिया गया है।फिर भी सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है। आयोग से स्थायी नियुक्ति होने पर इन्हें नौकरी से निकाले जाने का डर सता रहा है। जबकि कुछ विश्वविद्यालयों में 6 वर्षों से ये सेवा करते आ रहें हैं।संघ लगातार आन्दोलन करता रहा है।समाधान यात्रा के दौरान अतिथि सहायक प्राध्यापकों के द्वारा ज्ञापन दिए जाने पर कुछ स्थानों पर मुख्यमंत्री ने केवल इतना कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है।
भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों की बहाली में अनियमितता का आरोप – GoltooNews https://t.co/y2EVEvqQcc
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) February 9, 2023
माननीय मुख्यमंत्री महोदय को एक कहावत “जा सोखा के भा हेतेएक ता पता के आंखें आन्हर “ का स्मरण दिलाते हुए मांग की जाती है कि सरकार का यह दायित्व है कि अतिथि सहायक शिक्षकों पर रोज-रोज लटकती तलवार को हटाया जाय और इसकी सेवा नियमितीकरण की तत्काल घोषणा की जाय। अपनी सेवा के नियमितिकरण के लिए बिहार सरकार को नहीं कुछ करता देख संयोजक मंडल ने निर्णय लिया है कि आगामी विधान सभा के बजट सत्र में 20 मार्च से 28, मार्च तक पटना में बिहार राज्य विश्वविद्यालय द्वारा धरना आयोजित किया जायेगा।
बैठक में प्रांतीय संयोजक सह बी एन एम यू,मधेपुरा संघ अध्यक्ष डॉ सतीश कुमार दास,के एस डी एस यू,दरभंगा संघ अध्यक्ष डॉ मुकेश प्रसाद निराला,टी एम बी यू,भागलपुर संघ अध्यक्ष डॉ आनन्द आजाद,एल एम एन यू ,दरभंगा अध्यक्ष डॉ बच्चा कुमार रजक, बी आर ए बी यू संघ के अध्यक्ष डॉ ललित किशोर, जे पी यू,छपरा संघ प्रतिनिधि पंकज कुमार एवं डॉ मो.अब्बास,वी के एस यू संघ प्रतिनिधि डॉ भगवान मिश्रा शामिल रहे तथा निर्णयों पर पटना विश्वविद्यालय संघ अध्यक्ष डॉ विद्यानंद विधाता, जे पी यू संघ अध्यक्ष डॉ धर्मेन्द्र कुमार एवं वी के एस यू संघ अध्यक्ष डॉ आदित्य आनन्द ने दूरभाष पर अपनी सहमति प्रदान की। पुर्णियां विश्वविद्यालय,मुंगेर विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक प्राध्यापकों के अतिथि सहायक प्राध्यापकों से भी आन्दोलन में शरीक होने का आह्वान किया गया है।
बिहार राज्य संबंध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ, बी आर ए बी यू इकाई के अध्यक्ष प्रो राम विनोद शर्मा जी के नेतृत्व में वित्तरहित शिक्षकों की आपात बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि
*आगामी 2 मार्च को बिहार के सभी विश्वविद्यालय के वित्त रहित शिक्षक अपने-अपने विश्वविद्यालय में संकल्प सभा का आयोजन करेंगे
*लंबित अनुदान का एकमुश्त भुगतान और घाटा अनुदान आधारित वेतनमान को लेकर 17 मार्च को विधान सभा का घेराव एवं महाधरना का आयोजन किया जाएगा ।
मौके पर मीडिया प्रभारी एवं उपाध्यक्ष प्रो रणविजय कुमार सिंह, प्रो पवन सिंह, प्रो संजय चौहान, प्रो धनंजय सिंह, प्रो सीमा कुमारी, प्रो नीलम, प्रो नीता, प्रो अनामिका, प्रो विभूति सिंह आदि मौजूद थे।
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