Muzaffarpur 28 August : LS College के दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा अखिल भारतीय दर्शन परिषद द्वारा प्रायोजित गांधी का सभ्यता: विमर्श विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया.
LS College एक व्याख्यान का आयोजन

अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने कहा कि गांधी जी ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण विचारों को साझा किया, जिनमें से एक था सभ्यता विमर्श. उन्होंने मानव सभ्यता के विकास और प्रगति के लिए एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि गांधी जी के अनुसार, सभ्यता का अर्थ केवल आधुनिकीकरण और औद्योगिकीकरण से नहीं है, बल्कि यह मानवता, करुणा, और नैतिकता के साथ जीने की कला है. प्रो राय ने आगे कहा कि असली सभ्यता वह है जो प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाती है, न कि उसका शोषण करती है.

मुख्य वक्ता पीजी दर्शनशास्त्र विभाग के प्रो सरोज कुमार वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि गांधी जी के अनुसार सभ्यता का विकास तब होता है जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को महत्व देते हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़ना चाहिए और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहिए. गांधी जी ने कहा कि सभ्यता का उद्देश्य मानवता की सेवा करना होना चाहिए, न कि धन और शक्ति की दौड़ में पड़ना. सभ्यता का उद्देश्य नैतिकता और करुणा को बढ़ावा देना होना चाहिए, न कि हिंसा और लालच को.
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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) August 23, 2024
विषय प्रवेश कराते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ विजया कुमार ने कहा कि गांधी जी का सभ्यता विमर्श आज भी प्रासंगिक है, क्योंकि यह हमें मानवता, करुणा, और नैतिकता के महत्व को याद दिलाता है. यह हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है.
धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के डॉ शिवेंद्र मौर्य ने किया. मौके पर प्रो राजीव झा, प्रो एस आर चतुर्वेदी, प्रो एनएन मिश्रा, डॉ पायोली, डॉ ममता वर्मा, डॉ संतोष अनल, डॉ नवीन कुमार, डॉ इम्तियाज सहित अन्य मौजूद रहे।