New Delhi 22 June : सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड धारकों के लिए जल्द ही अच्छी खबर आने वाली है, क्योंकि 1 जुलाई 2022 से ऑनलाइन व्यापारी ग्राहकों के कार्ड डेटा को स्टोर नहीं कर पाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डेबिट और क्रेडिट कार्ड टोकन नियम जारी किए थे। नियमों के तहत, व्यापारियों को अपने सर्वर में ग्राहक कार्ड डेटा संग्रहीत करने से रोक दिया गया था।
ये कार्ड टोकन नियम अब 1 जुलाई, 2022 से लागू होंगे।
आरबीआई ने घरेलू ऑनलाइन खरीदारी के लिए कार्ड-ऑन-फाइल टोकन को अपनाना अनिवार्य कर दिया था। देश भर में कार्ड टोकन अपनाने की समय सीमा को 1 जनवरी, 2022 से 1 जुलाई, 2022 तक छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था।
1 जुलाई 2022 से व्यापारियों को अपने रिकॉर्ड से ग्राहकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डेटा हटाना होगा।

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कार्ड टोकनाइजेशन सिस्टम अनिवार्य नहीं है। इसलिए यदि किसी ग्राहक ने अपने कार्ड के टोकन के लिए सहमति नहीं दी है, तो ग्राहक को कार्ड सत्यापन मूल्य या सीवीवी दर्ज करने के बजाय हर बार ऑनलाइन कार्ड बनाते समय सभी कार्ड विवरण दर्ज करनी होगी। तब होगा भुगतान।
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साथ ही, यदि कोई ग्राहक कार्ड टोकननाइजेशन प्रक्रिया के लिए सहमत है, तो उसे लेनदेन करते समय केवल सीवीवी या वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) विवरण दर्ज करना होगा।
टोकन प्रणाली पूरी तरह से नि: शुल्क है और यह किसी के कार्ड के डेटा की सुरक्षा करते हुए आसान भुगतान अनुभव प्रदान करती है।साथ ही टोकनाइजेशन प्रक्रिया केवल घरेलू ऑनलाइन लेनदेन पर लागू होता है।
एक सवाल उठता है पहले से संगृहीत डाटा का क्या होगा?