Muzaffarpur 15 May : Bihar University इतिहास विभाग, बाबा साहेब भीमराव बिहार विश्वविद्यालय और काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थांन, पटना के संयुक्त तत्वाधान में “भारतीय स्वाधीनता के लिए संघर्षरत संग्रामी और नेताओं के योगदान का इतिहास : एक पुनर्विचार” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सीनेट हॉल में दिनांक १५ मई २०२५ को किया गया।
Bihar University Department of History

इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने स्थानीय इतिहास लेखन के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्र के तासीर के अनुसार से लेखन पर जोर दिया। उन्होंने इतिहास के लेखन में कृषि, भौगोलिक विविधता और विज्ञान को शामिल करने की जरुरत पर बल दिया।

मुख्य वक्ता, प्रो. हितेंद्र पटेल, रबीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता ने साहित्यिक स्रोतों के जरिये गाओं, कस्बों और मुहल्लों के स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी को उजागर करने के जरुरत पर बल दिया। विशिष्ट वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहासकार प्रो. जे. एन. सिन्हा ने स्वतंत्रता आंदोलन के क्षेत्रीय नायकों और उपेक्षित आंदोलनों को इतिहास की मुख्यधारा में लाने के महत्व को रेखांकित किया और हुस्सेपुर राज के फ़तेह बहादुर शाही के ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ संघर्ष को साझा किया।






इस अवसर पर B.R.A> Bihar University और काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थांन, पटना के बीच अकादमिक उद्देशय से एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर भी हस्ताक्षर किया गया । संगोष्ठी के दौरान विभागाध्यक्षा प्रो रेणु कुमारी ने स्वागत भाषण, डॉ गौतम चंद्रा ने विषय प्रवेश, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिवेश कुमार और डॉ अंशु त्यागी ने मंच संचालन किया।

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— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) May 15, 2025


इस अवसर पर प्रॉक्टर प्रो. बी. एस. राय, प्रो. प्रभाकर प्रसाद सिंह, प्रो. अजीत कुमार, प्रो. पंकज कुमार राय, डॉ. अर्चना पांडेय, डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. अमर बहादुर शुक्ला, डॉ. अमानुल्लाह, शोधार्थी हिमांशु, अन्नू, मणिरंजन, निशांत, विशाल, बाबुल, खुशबू, पूजा समेत देशभर से सैकड़ों शोधार्थी और विद्यार्थी शामिल हुए।
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