Muzaffarpur 16 May : लोकप्रिय विद्वान प्राध्यापक व पूर्व राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राम सागर मिश्र के निधन पर RDS College रामदयालु सिंह महाविद्यालय में शोक सभा आयोजित की गई। प्रोफेसर मिश्र का लंबी बीमारी के बाद 15 मई को उनके आवास पर निधन हो गया। उनके निधन से पूरा महाविद्यालय परिवार अत्यंत दुखी एवं शोकाकुल है।
RDS College में शोक सभा
प्रो. राम सागर मिश्र 10 जुलाई 1959 से 31 जनवरी 1997 को सेवानिवृत्त होने तक 38 वर्षों तक RDS College के राजनीति विज्ञान विभाग में प्रतिष्ठित एवं प्रिय संकाय सदस्य के रूप में कार्यरत रहे। वे अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता, मार्गदर्शन एवं महाविद्यालय एवं उसके विद्यार्थियों के प्रति अटूट समर्पण के लिए जाने जाते थे।

मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड के जांता कांटा गाँव के थे और जीवन पर्यन्त उनका सबंध अपने गाँव से बना कर रखा.अपने पीछे वे दो पुत्र, एक पुत्री और एक भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैँ.

उनकी स्मृति एवं विरासत को श्रद्धांजलि देने के लिए RDS College परिवार ने एकत्रित होकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की एवं पुष्पांजलि अर्पित की। बैठक की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर अनीता सिंह ने की तथा इसमें अनेक संकाय सदस्य एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

हिंदी विभाग की सेवानिवृत्त प्रोफेसर और प्रो. मिश्रा की करीबी सहयोगी डॉ. भारती सिन्हा ने उनके साथ लंबे समय से जुड़े कुछ मार्मिक संस्मरण और किस्से साझा किए। उन्होंने उनकी बुद्धिमत्ता, सादगी और उनके आसपास के लोगों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन पर उनके गहरे प्रभाव के बारे में बताया।

डॉ. रजनीकांत पांडे (राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष) ने बताया राजनीति विज्ञान के साथ साथ वे कई संगठनों के सदस्य रहे. वे बिहार पुस्तकालय संघ के अध्यक्ष थे.
प्राचार्य प्रो. अनीता सिंह, डॉ. रजनीकांत पांडे (राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष), श्रीमती पूनम सिंह (पुस्तकालयाध्यक्ष), डॉ. मंजरी आनंद और कई अन्य संकाय सदस्यों ने भी अपनी यादें साझा कीं और प्रो. मिश्रा के महत्वपूर्ण योगदान और उनके उल्लेखनीय व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उनके कार्यकाल की कहानियों और पलों ने वहां मौजूद कई लोगों की यादें ताजा कर दीं।
RDS College के पूर्व प्राध्यापक एवं प्राचार्य डॉ अरुण कुमार सिंह ने भी सोशल मीडिया पर अपनी यादों को साझा किया जिसमे समय की पाबंदी,विभाग में कलम उनके हाथ में होती थी, जिसके द्वारा छोटी से छोटी सूचना को आगे बढ़ाने का कार्य करते थे.वे लिखते हैं समय पर कॉलेज आना और दूसरे सहकार्मियों से भी यही उम्मीद करना उनकी आदत थी.


उनकी याद में हर वर्ष 15 मई को एक व्याख्यानमाला का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है .
शोक सभा में शामिल होने वालों में डॉ. एम.एन. रिजवी, डॉ. नीलिमा झा, डॉ. सत्येन्द्र सिंह, डॉ. आलोक प्रताप तिवारी, प्रो. राजीव कुमार, डॉ. सारिका चौरसिया, डॉ. प्रियंका दीक्षित, डॉ. हसन रजा, डॉ. पूनम, डॉ. अम्बिका श्रीवास्तव, डॉ. गणेश शर्मा, डॉ. विवेक झा, डॉ. स्नेह लता, डॉ. भगवान कुमार, डॉ. भोला महली, श्री निर्मल कुमार शर्मा, श्री कार्तिक पूर्णेन्दु, श्री चंदन कुमार, श्री आशीष कुमार, श्री राहुल कुमार, श्री नवीन कुमार। अमलेंदु कुमार, श्री उज्जवल, श्री धीरज ठाकुर, श्री विजय कुमार, श्रीमती भारती कुमारी, श्री आदित्य कुमार और श्रीमती अलका कुमारी आदि।
Bihar University इतिहास विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी संपन्न https://t.co/2c1h3dZVac #Muzaffarpur @brabu_ac_in @DineshCRai pic.twitter.com/X6Fgg90IgO
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) May 15, 2025
सभा का समापन प्रो. राम सागर मिश्र की याद में, ज्ञान, विनम्रता और सेवा की उनकी विरासत का सम्मान करते हुए, एक पल के मौन के साथ हुआ। उनकी स्मृति उन लोगों के दिलों में हमेशा बनी रहेगी जिन्हें उन्हें जानने और उनके साथ काम करने का सौभाग्य मिला था।
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