Muzaffarpur 16 May : बीआर अंबेडकर Bihar University मनोविज्ञान विभाग व विश्वविद्यालय आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में एवं इंडियन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के सहयोग से सीनेट हाल मे “रिसेंट ट्रेंड इन रिसर्च” विषय पर आयोजित सेमिनार के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने कहा कि बदलते समय में शोध के नवीन आयाम पर फोकस करना होगा। शोध को केंद्र में रखकर सेमिनार आयोजित करने के लिए मनोविज्ञान विभाग के प्रति आभार प्रकट किया।
Bihar University Seminar by Psychology Department

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं स्वागत गीत से हुआ। मनोविज्ञान विभाग के द्वारा सभी आगत अतिथियों को अंग वस्त्र एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया।


कुलपति ने बताया कि जल्द ही गुणवत्तापूर्ण शोध लेखन पर वर्कशॉप कराया जाएगा। इसके लिए मनोविज्ञान विभाग समेत अन्य विभागों को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बताया कि विश्वविद्यालय शैक्षणिक यात्रा की दिशा में आगे बढ़ चुका है।
*विश्वविद्यालय का अपना कुल गीत होना चाहिए, इसके लिए छात्रों एवं शिक्षकों से गीत तैयार कराई जाएगी। चयनित कुलगीत के रचयिता को 25000 रुपए की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा।

आगे नैक की प्रक्रिया में सभी स्नातकोत्तर विभागों को तीव्र गति से लगना है ताकि ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त हो सके। नैक की बेहतर तैयारी के लिए सभी स्नातकोत्तर विभागों को सम्मानजनक राशि भी प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व इंडियन साइकोलॉजिएशन एसोसिएशन के प्रो तारिणी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए डॉ रजनीश कुमार गुप्ता को शुभकामनाएं दी। कहा कि आगे आने वाले समय में शोध के नवीन आयाम को बारीकी से समझना होगा तभी गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य हो सकता है। कुलपति के निर्देशन में विश्वविद्यालय ग्लोबल एकेडमिक ऊंचाई को प्राप्त करेगा।

सेमिनार में विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ रजनीश कुमार गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। विषय प्रवेश प्रो अलका जायसवाल ने कराया। मंच संचालन डॉ तूलिका ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो आभा रानी सिंहा ने किया।

मौके पर विषय विशेषज्ञ बी एन मंडल विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो इंतखवाबूर रहमान, बीएचयू से मनोविज्ञान विभाग के प्रो संदीप कुमार, प्रो तारिणी, प्राचार्य डॉ ओपी राय,डॉ कल्याण कुमार झा, प्रॉक्टर डॉ बीएस राय, कुलसचिव डॉ संजय कुमार, सीसीडीसी डॉ अमिता शर्मा, विकास पदाधिकारी, डॉ पंकज कुमार, छात्र कल्याण अधिकारी डॉ अभय कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ टीके डे, डॉ राजीव कुमार झा, प्रो नित्यानंद शर्मा समेत सैकड़ों शोधार्थी एवं प्राध्यापक मौजूद थे।

तकनीकी सत्र में लगभग 200 शोध पत्र पढे गए।

तकनीकी सत्र:
तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में बीएन मंडल विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ इंतखवाबुर रहमान ने कहा कि बदलते युग में जीवन के हर क्षेत्र में परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है। सरकार की नीतियों से लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट ने क्रांति ला दी है। वहीं आईबीएम सॉफ्टवेयर कंपनी शोध के क्षेत्र में नए-नए सॉफ्टवेयर लॉन्च कर रही है।

मनोविज्ञान एवं अन्य विज्ञान के शोध क्षेत्रों में सांख्यिकी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। शोध प्रणाली के अंतर्गत सांख्यिकी विधियों का प्रयोग अति आवश्यक हो गया है। अब एसपीएसएस सॉफ्टवेयर आ जाने से गुणवत्तापूर्ण शोध करने में काफी मदद मिल रही है। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर के उपयोग का अध्ययन एवं समझ जरूरी है।


तकनीकी सत्र में विशिष्ट वक्ता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रो संदीप कुमार ने मनोवैज्ञानिक अनुसंधान में सहसंबंधात्मक डिजाइन एवं सांख्यिकी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शोध डिजाइन डाटा संकलन एवं विश्लेषण की ओर फोकस करता है।

सांख्यिकी की भूमिका के तहत शोध कर्ता परिकल्पना की धारणा को तर्क के साथ प्रस्तुत करता है। वहीं मात्रात्मक अनुसंधान के तहत संबंधित शोध में विस्तारित, सहसंबंधात्मक एवं प्रयोगात्मक डिजाइन पर फोकस किया जाता है। इस प्रकार डॉ संजीव ने शिक्षा का वैश्वीकरण एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समझाते हुए शोध के क्षेत्र में गुणवत्ता को आवश्यक माना।
Bihar University टी.पी. वर्मा कॉलेज प्राचार्य कारण बताओ https://t.co/bC5pnnU7GR #Muzaffarpur #narkatiyaganj @brabu_ac_in pic.twitter.com/r58klaYvgV
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) May 15, 2024

तकनीकी सत्र संचालन में सुनीता कुमारी, डॉ रेखा श्रीवास्तव, डॉ पयोली, श्री रणवीर कुमार, निधि चंद्रा, अनन्या, डॉ राजीव कुमार, डॉ विकास कुमार, डॉ वीरेंद्र चौधरी, डॉ लक्ष्मी रानी, डॉ अफरोज, डॉ शकीला, डॉ अंकिता, डॉ सतीश कुमार, डॉ ललित किशोर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।