Durga Puja Muzaffarpur सौ साल से भी पुराना हरिसभा दुर्गा पूजा

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हरिसभा दुर्गा पूजा समिति

बिहार में मुजफ्फरपुर की दुर्गा पूजा पूरे भारत में प्रसिद्ध है और उस दुर्गा पूजा में बंगाली समुदाय द्वारा हरी सभा में मनाया जाने वाला दुर्गा पूजा इसे और खास बनाता है. 120 सालों से मुजफ्फरपुर हरिसभा दुर्गा पूजा समिति द्वारा हरि सभा स्कूल कैंपस में दुर्गा पूजा का आयोजन करते आ रही है. हर वर्ष की भांति 2022 में भी 26 सितंबर को दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी. जिसकी तैयारियां हरिसभा स्कूल परिसर में हो रही है.

हरिसभा दुर्गा पूजा 2017

बिहार की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा समितियों में हरिसभा दुर्गा पूजा समिति है. सन 1902 में दुर्गा पूजा की शुरुआत हरी सभा में हुई थी. बंगाली समाज के अनुरूप दुर्गा पूजा का आयोजन होता है हरिसभा में. पश्चिम बंगाल से आए कलाकार मूर्तियों को बनाते हैं पश्चिम बंगाल से ही ढाकी भी आते हैं जिनकी ढाक पर आरती होती है जो सबका मन मोह लेती है. बंगाली समाज के रीति-रिवाजों के अनुरूप दुर्गा पूजा का आयोजन हरी सभा में 1902 से होता आया है.

Durga Puja 2022 Preparation in Harisabha Durga Puja Samiti, Muzaffarpur

कोरोना के कारण पिछले एक-दो साल भव्य आयोजन नहीं हो सका था और किसी-किसी वर्ष अधिक वर्षा के कारण भव्य मेला का आयोजन नहीं हो पाता है. दुर्गा पूजा के समय हरिसभा परिषर में पूजा के अलावा कल्चरल डांस और पेंटिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होते आया है.

इस वर्ष जानकारी के अनुसार कागज के कपड़ों से साथ सज्जा की जाएगी दुर्गा मां की प्रतिमा को. डाकेर सज्जा बोलते हैं डाकेर का अर्थ होता है डाक से मंगाया हुआ. पुराने जमाने में रंगीन कागज भारत में नहीं बनते थे और जर्मनी से डाक द्वारा मंगाते थे. इसलिए सज्जा का नाम दिया गया है डाकेर सज्जा. कागज की ही साड़ियां और अन्य आभूषण बनेंगे जिन से श्रृंगार होगा दुर्गा माँ का.

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