Muzaffarpur 22 April : LS College सभागार में भारतीय ज्ञान परम्परा में जन संचार:आधुनिक सन्दर्भ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई.
LS College : राष्ट्रीय संगोष्ठी
संगोष्ठी की अध्यक्षता बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र राय ने तथा मुख्य अतिथि आईआईएलएम यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो सुजाता शाही रही. संगोष्ठी के शुभारंभ से पहले आगमन पर कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र राय एवम प्रो सुजाता शाही को एनसीसी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.


फिर कुलपति प्रो राय और प्रो शाही ने प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय के साथ परिसर में अवस्थित महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको नमन किया. साथ ही विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र राय ने दिनकर पार्क में पौधारोपण कर धरती को हरा भरा रखने का संदेश भी दिया।

संगोष्ठी की औपचारिक शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा उनके औचारिक स्वागत से हुआ.

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने कहा कि हमारी ज्ञान परंपरा हमेशा से समृद्ध रही है. भारतीय ज्ञान प्रणाली में जनसंचार की अवधारणा का पता प्राचीन काल से लगाया जा सकता है जब बड़े दर्शकों तक सूचना प्रसारित करने के लिए संचार के विभिन्न रूपों का अभ्यास किया जाता था। प्राचीन भारतीय समाज में कहानी कहने, लोक गीतों और प्रदर्शनों के माध्यम से मौखिक संचार की एक समृद्ध परंपरा थी, जिसका उपयोग धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश देने के लिए किया जाता था. प्राचार्य प्रो राय ने संगोष्ठी में राष्ट्रकवि दिनकर के नाम पर कॉलेज में एक स्वाध्याय मंडल स्थापित करने की घोषणा भी की जो विभिन्न समकालीन विषयों पर नियमित रूप से संगोष्ठी परिचर्चा आदि आयोजित करेगा.



मुख्य अतिथि प्रो सुजाता शाही ने भारतीय ज्ञान प्रणाली में जनसंचार उद्धृत करते हुए कहा कि प्राचीन भारतीय साहित्य और धर्मग्रंथों का उपयोग जनसंचार के माध्यम के रूप में भी किया जाता था। वेदों, उपनिषदों, पुराणों और अन्य धार्मिक और दार्शनिक लेखों जैसे ग्रंथों को पाठ, वाचन और प्रदर्शन के माध्यम से प्रसारित किया गया, जो व्यापक जनसमूह तक पहुंचे. प्रो शाही ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन होने से भारतीय ज्ञान प्रणाली को संरक्षित और संवर्धित करने के प्रयासों को बल मिला है. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने विश्वविद्यालय में भी भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित दो नए पाठ्यक्रम शुरू करने का अवसर एनईपी 2020 के चलते प्राप्त हुआ.



अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र राय ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि आज कॉलेज सभागार में बैठे एलएस कॉलेज छात्रों के लिए बड़ा शुभ अवसर है जब उनके एलुमनी प्रो सुजाता शाही आज सभागार में मुख्य अतिथि है. उन्होंने कहा जब कॉलेज विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्र अपने पूर्ववर्ती छात्रों को जीवन और करियर में सफलता के शिखर पर देखते हैं तो उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है. प्रो राय ने कहा कि उन्होंने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में योगदान एक संकल्प के साथ दिया है कि विश्वविद्यालय की पुरानी गरिमा को वापस लाकर शैक्षणिक गुणवत्ता में नई ऊंचाई पर ले जाना है. प्रो राय ने कहा कि कभी कभी मन में निराशा के भाव भी आते हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय में हर क्षेत्र को दुरुस्त करने में अतिरिक्त प्रयासों की जरूरत है.


प्रो राय ने कहा कि एक विश्वविद्यालय में सक्षम और सुदृढ़ एलुमनी एसोसिएशन उनके एजेंडा में सबसे ऊपर है. पिछले दिनों एलुमनी एसोसिएशन मीट में पूर्ववर्ती छात्रों के विश्वविद्यालय के प्रति लगाव और सहयोग की भावना देख कर उन्हें लगा कि जिस विश्वविद्यालय के ऐसे मानस पुत्र है उसका भविष्य निश्चित ही सुनहरा होगा. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के समेकित प्रयासों से उनका संकल्प जरूर पूरा होगा. संगोष्ठी के संयोजक प्रो राजीव कुमार ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा महर्षि नारद ने व्यापक दर्शकों तक ज्ञान और ज्ञान फैलाने के लिए अपनी दिव्य शक्तियों और कौशल का उपयोग करते हुए, प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली में जन संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

RDS College में ” राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020″ पर सेमिनार https://t.co/rHBY3vcVCT #rdscollege #Muzaffarpur pic.twitter.com/1R2ysRpiqz
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) April 21, 2024




Earth Day पृथ्वी हमारी माँ है, इसकी संरक्षा हमारा कर्तव्य है https://t.co/a3czv8y5pY #earthday #Muzaffarpur pic.twitter.com/R03Mab66tm
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) April 22, 2024

विशिष्ट अतिथि प्रो आतिश पराशर ने वर्तमान परिवेश में जनसंचार के बदलते आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि अब जनसंचार के परंपरागरत तरीको पर सोशल मीडिया, शॉर्ट वीडियो, रीजनल लैंग्वेज के चैनल आदि ने बर्चस्व कायम किया है. प्रो प्रमोद कुमार ने अपने समाधान में भारतीय ज्ञान प्रणाली में संचार पर विस्तृत चर्चा की. धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो राजीव झा ने तथा संचालन डॉ राजेश्वर कुमार ने किया. मौके पर प्रो टीके डे, प्रो एसआर चतुर्वेदी, प्रो गोपाल जी, प्रो आरएन ओझा, प्रो जफर सुलतान,प्रो विजय कुमार, प्रो शैलेंद्र सिन्हा, एनओ डॉ राजीव कुमार, डॉ अर्धेंदु, डॉ ऋतुराज कुमार, डॉ स्वीटी सुप्रिया, डॉ नवीन कुमार, डॉ ललित किशोर, ऋषि कुमार आदि मौजूद रहे।