RDS College में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020″पर आयोजित संगोष्ठी

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Muzaffarpur 24 April : RDS College में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020″पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ प्रमोद कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति तो लागू हो गई पर चुनौतियां बहुत अधिक है। बदलती दुनिया में भारत की शैक्षणिक स्थिति सुनिश्चित करने के लिए नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है। मानवीय श्रम, कौशल और मूल्यगत प्रतिबद्धता के साथ छात्रों के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का घोषित लक्ष्य है।

RDS College Seminar

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RDS College में "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020"पर आयोजित संगोष्ठी
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इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर शिक्षा व्यवस्था की संरचना में ढांचागत परिवर्तन किया जा रहा है। उच्च शिक्षा की प्रकृति को पूरी तरह से बदलते हुए उसे बहु अनुशासनिक बनाया जा रहा है ताकि समाज व राष्ट्र की जरूरत के अनुरूप युवक एवं युवतियां को प्रशिक्षित किया जा सके। नई शिक्षा नीति में मुख्य विषय के साथ-साथ आनुषंगिक विषय और क्षमता संवर्धन, कौशल संवर्धन और मूल्यगत शिक्षा को समान महत्व दिया जा रहा है।

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चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के अलग-अलग सेमेस्टर में भाषिक क्षमता, पर्यावरण शिक्षा, व्यक्तित्व क्षमता योग शिक्षा आदि को जोड़ा गया है। रिसर्च, प्रोजेक्ट और शोध के माध्यम से ज्ञान कौशल को बढ़ाया जा रहा है। अभी हमारी व्यवस्था नई शिक्षा के अनुरूप तैयार नहीं है। मगर हमें बदलाव को स्वीकार करना होगा और चुनौतियों का सामना करना होगा।

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विषय प्रवेश कराते हुए डॉ रामकुमार ने नई शिक्षा नीति की बारीकियों को पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया। एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट, अपार आधार कार्ड, एवं नई शिक्षा नीति में छात्रों की व्यवहारिक सहभागिता पर विस्तार से चर्चा की गई।

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अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने कॉलेज के गौरवमयी इतिहास को विस्तार से बताया। कॉलेज विकास में महापुरुषों, शिक्षकों, एवं पूर्व प्राचार्य के योगदान को विस्तार से बताया। कॉलेज के विकास के लिए भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

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अध्यक्षीय भाषण करते हुए कुलपति डॉ दिनेश चंद्र राय ने कहा कि कॉलेज का इतिहास काफी गौरवशाली है। यहां के शिक्षक काफी प्रतिभाशाली हैं। शिक्षकेत्तर कर्मचारी की सहभागिता काफी अच्छी है। छात्रों की पहली पसंद का यह कॉलेज नैक की तैयारी में लगे। हम सबों का लक्ष्य ए प्लस ग्रेड प्राप्त करना है। विश्वविद्यालय की तरफ से पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां लगभग छह लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। 400 छात्रों पर एक शिक्षक का अनुपात बैठता है। अभी शिक्षकों की कमी को अतिथि शिक्षक अपने गुणात्मक अध्यापन कार्य से पूरा कर रहे हैं। विश्वविद्यालय और कॉलेज मिलकर अकादमी ऊंचाई को प्राप्त करेंगे। शोध के क्षेत्र में मिलकर काम करने की जरूरत है।

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शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के श्री पंकज भूषण ने सामूहिक रूप से शिक्षक एवं कर्मचारी की समस्याओं से कुलपति को अवगत कराया।
*कार्यक्रम के शुरू में कुलपति द्वारा रामदयालु बाबू,निगमानंद कुमार एवं महेश शाही की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया।

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*कॉलेज उद्यान में कुलपति एवं कुलसचिव द्वारा पौधारोपण भी किया गया।
*संगोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं छात्रों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गान से किया गया।
*नई शिक्षा नीति की खूबियों पर छात्र-छात्राओं द्वारा नाटक की भी प्रस्तुति की गई।

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कार्यक्रम में कुल सचिव डॉ संजय कुमार, सीसीडीसी डॉ अमिता शर्मा, प्राचार्य डॉ ओपी राय, डॉ श्याम बाबू शर्मा, डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ रिजवी, प्राचार्य डॉ कनुप्रिया,डॉ मनोज कुमार, पूर्व प्राचार्य डॉ संजय कुमार, डॉ अरुण कुमार, सेवानिवृत शिक्षकों में डॉ भारती सिंहा, डॉ केके झा, डॉ केके सिन्हा, डॉ एनपी राय, डॉ बीके आजाद, समेत कॉलेज के सभी शिक्षक,कर्मचारी एवं छात्र मौजूद थे।

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मंच संचालन डॉ आलोक प्रताप सिंह एवं डॉ तूलिका ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने किया।

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