जल संरचना से सभी लोगों का हित जुड़ा हुआ है और पब्लिक राइट प्राइवेट राइट से ऊपर होता है-उच्चतम न्यायालय

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आयुक्त ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि सभी जल संरचना सरकारी संपत्ति है। जिससे सभी लोगों का हित जुड़ा हुआ है और पब्लिक राइट प्राइवेट राइट से ऊपर होता है।

Darbhanga 15 December : गुरुवार 15 दिसंबर को आयुक्त दरभंगा प्रमण्डल, सह तिरहुत प्रमंडल श्री मनीष कुमार की अध्यक्षता में सी.डब्ल्यू.जे.सी. नंबर-9692/2015 में पारित आदेश के आलोक में तालाब /पोखर अतिक्रमण वाद की समीक्षा बैठक तिरहुत एवं दरभंगा प्रमंडल के सभी जिलों के साथ की गयी।
       बैठक में जिलाधिकारी दरभंगा श्री राजीव रौशन ने बताया कि दरभंगा में 11 तालाब अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु बचे हुए हैं जिनमें सदर अनुमंडल के तीन, सिंहवाड़ा के तीन, मनीगाछी के तीन एवं बहादुरपुर के दो तालाब शामिल है।
उन्होंने कहा कि सदर अंचल के तीनों तालाब पर माननीय उच्च न्यायालय का स्टेटस को का लगा हुआ है।


     आयुक्त ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि सभी जल संरचना सरकारी संपत्ति है। जिससे सभी लोगों का हित जुड़ा हुआ है और पब्लिक राइट प्राइवेट राइट से ऊपर होता है।
    उन्होंने अपर समाहर्ता राजस्व एवं अनुमंडल पदाधिकारी को अपने अंचलाधिकारी के साथ बैठक कर इस तथ्य से अवगत करा देने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद-21 एवं 21(ए) के तहत सभी तलाब सरकारी संपत्ति है। क्योंकि जल का उपयोग करने से किसी को भी वंचित नहीं किया जा सकता है, जल सभी के लिए आवश्यक है।
    उन्होंने कहा कि अतिक्रमण मुक्त कराने के उपरांत संबंधित तालाब/पोखर का जियो टैग फोटो उपलब्ध कराया जाए।
     मुजफ्फरपुर जिले से अपर समाहर्ता राजस्व एवं दोनों अनुमंडल पदाधिकारी के ऑनलाइन नहीं जुड़े रहने के कारण समीक्षा नहीं हो सकी।


आयुक्त महोदय ने उन सबो से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए एक दिन का वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया।
      जिलाधिकारी मधुबनी श्री अरविंद कुमार ने बताया कि उनके यहां केवल चार तालाब अतिक्रमण मुक्त कराने को बचे हुए हैं, जिनमें से तीन पर अतिक्रमण हटाने की  कार्रवाई की जा रही है, जो जल्द ही अतिक्रमण मुक्त हो जाएगा, लौकही अंचल का एक तालाब पर अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई की जा रही है।
     आयुक्त महोदय ने कहा कि वैसे राजस्व कर्मचारी जो तालाब/पोखर अतिक्रमण के लिए जवाबदेह पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई होगी, भले ही वह सेवानिवृत्ति होकर पेंशन पा रहे हो।


       समस्तीपुर के जिलाधिकारी श्री योगेंद्र सिंह ने बताया कि उनके यहां तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई तेजी से चल रही है, हाल के दिनों में एक सौ तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है, 101 तालाब शेष बचे हुए हैं जिन्हें शीघ्र ही अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाएगा।
    आयुक्त महोदय ने अतिक्रमण मुक्त तालाबों का जियो टैग फोटो उपलब्ध कराने का निर्देश दिए।
      जिलाधिकारी शिवहर श्री मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके यहां 142 तलाब अतिक्रमित थे, जिन्हें अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है।


आयुक्त महोदय ने कहा कि अपर समाहर्ता राजस्व, अनुमंडल पदाधिकारी एवं डीसीएलआर संयुक्त रूप से सभी अंचलाधिकारी के साथ बैठक करके इसकी समीक्षा कर लें।
         सीतामढ़ी के जिलाधिकारी श्री मनेश कुमार मीणा ने बताया कि उनके यहां 586 तालाब अतिक्रमित थे, जिन्हें अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है केवल एक तालाब डुमरा अंचल का बचा था, उसे भी अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है।
       वैशाली के जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने बताया कि उनके यहां पाँच तालाब अतिक्रमण मुक्त कराने को शेष बचे हैं, जो गोरौल अंचल के हैं, जिन्हें रविवार तक अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाएगा।
पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि उनके यहां के सभी तालाब से अतिक्रमण हटा दिया गया है।


    पश्चिमी चंपारण के उप विकास आयुक्त  द्वारा बताया गया कि उनके यहाँ के 10 तालाब पर अतिक्रमण है जो स्थाई प्रकृति के हैं। जिनमें से चनपटिया और नतौन के कुछ तलाब के भिंड पर भूमिहीन परिवार बसे हुए हैं।
आयुक्त महोदय ने भूमिहीन परिवारों के लिए भूमि की व्यवस्था करते हुए तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने के निर्देश दिए।
बैठक में आयुक्त के सचिव श्री देवेंद्र प्रसाद तिवारी, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार सह प्रभारी राजस्व पदाधिकारी राजेश कुमार, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी बेनीपुर शंभू नाथ झा, एसडीओ मधुबनी, डीसीएलआर झंझारपुर एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

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