New Delhi 8 February :भारतीय सेना ने 7 जवानों की मौत की पुष्टि कर दी है.अरुणाचल प्रदेश में रविवार को बर्फीले तूफान के बाद हिमस्खलन (Avalanche) एवलॉन्च के बाद लापता हुए सेना के 7 जवानों के शव बरामद हुए हैं। सेना के मुताबिक वे पिछले दो दिन से बर्फ में फंसे थे।
6 फरवरी को अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर के ऊंचाई वाले इलाके में हिमस्खलन की चपेट में आए सेना के सात जवानों की मौत की पुष्टि हो गई है, उनके शव हिमस्खलन स्थल से निकाले गए हैं: भारतीय सेना
Deeply pained by demise of Army personnel who were struck by an avalanche in Kemang Sector, Arunachal Pradesh. These brave soldiers lost their lives while serving nation. I salute their courage&service. My heartfelt condolences to their bereaved families:Defence Min Rajnath Singh https://t.co/9cc2aJ5b64
— ANI (@ANI) February 8, 2022
अरुणाचल प्रदेश के केमांग सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आए सेना के जवानों के निधन से गहरा दुख हुआ। इन वीर जवानों ने देश की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाई। मैं उनके साहस और सेवा को सलाम करता हूं। उनके शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर में हिमस्खलन में फंसे भारतीय सेना के 7 बहादुर जवानों के शहीद होने से मुझे गहरा दुख हुआ है।शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर उन्हें इस दुखद क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें-Kiren Rijiju
वीरभूमि हिमाचल के जिला बिलासपुर के घुमारवीं से सम्बन्ध रखने वाले भारतीय सेना के 21 वर्षीय जांबाज़ अंकेश भारद्वाज जी का मां भारती की सेवा करते समय हिमस्खलन की चपेट में आने से प्राप्त शहादत को मेरा सलाम।

हिमाचल में अब भी बर्फ़बारी जारी है.प्रयटकों को चेतवनी जारी कर दी गई है.हिमाचल जाने वाले पर्यटक सावधान रहें.
अरुणाचल प्रदेश में भी मौसम ख़राब है,बर्फ गिर रहें हैं.रेस्क्यू टीम को भी एयरलिफ्ट किया गया है.
सर्दियों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गश्त करना मुश्किल
सर्दियों के महीनों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गश्त करना मुश्किल हो जाता है। सेना पहले भी ऐसी घटनाओं में अपने सैनिकों को खो चुकी है। मई 2020 में सिक्किम में हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के दो जवानों की की मौत हो गई थी।
अक्टूबर 2021 में उत्तराखंड में माउंट त्रिशूल पर हिमस्खलन में नौसेना के पांच जवान फंस गए थे, जहां वे एक अभियान के लिए गए थे। उनके शव बाद में बरामद किए गए। फरवरी 2020 में सरकार ने संसद को बताया कि 2019 में सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन और हिमस्खलन के कारण सेना के छह जवानों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य जगहों पर इसी तरह की घटनाओं में 11 अन्य मारे गए थे।
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