Muzaffarpur 1 June : Muzaffarpur News में डॉ. राममनोहर लोहिया महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर के अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष, बी. आर. ए. बिहार विश्वविद्यालय के सिंडिकेट के पूर्व निर्वाचित सदस्य एवं पूर्व इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज (सीतामढ़ी), प्रो. (डॉ.) मोहन प्रसाद का आज प्रातः 10 बजे उनके केदारनाथ रोड स्थित आवास पर हृदयगति रुकने से निधन हो गया। वे मूलतः सीतामढ़ी जिले के सुरसंड निवासी थे। उनके निधन से शिक्षाजगत, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है।
Muzaffarpur News प्रो. (डॉ.) मोहन प्रसाद का निधन
प्रो. मोहन प्रसाद को लोग स्नेहपूर्वक “मोहन भाई” और “गुरुजी” कहकर पुकारते थे। उनका व्यक्तित्व हमेशा मुस्कान से भरा रहता था और उनकी मित्रता का दायरा बेहद व्यापक था — जिसमें शिक्षकों के साथ-साथ समाज के अन्य वर्गों के लोग भी शामिल थे। वे वरिष्ठ भाजपा नेता तो थे, लेकिन उनकी आत्मीयता विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों से भी गहरी रही। वे सबके साथ सहज संवाद और यथासंभव सहायता करने के लिए जाने जाते थे।

आज सुबह तक वे एकदम सामान्य थे, पर अचानक 10 बजे के आसपास कुछ अस्वस्थता महसूस होने पर कुछ ही मिनटों में वे इस दुनिया से विदा ले गए। यह घटना न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे मुजफ्फरपुर और शैक्षणिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
उनके एकमात्र पुत्र के आज देर शाम तक दिल्ली से आने की संभावना है, जिसके बाद आगामी 2 जून को सुबह शहर के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Muzaffarpur News प्रो. (डॉ.) समीरण कुमार पॉल की 'कथा अरण्य' https://t.co/8d61vdphx4 #Muzaffarpur pic.twitter.com/ZycPuOXagE
— RAJESH GOLTOO (@GOLTOO) June 1, 2025
प्रो. अरुण कुमार सिंह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मोहन भाई जैसे जीवंत लोग कभी मरते नहीं हैं, वे लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहते हैं।” उनके निधन से जो रिक्तता बनी है, वह लंबे समय तक महसूस की जाती रहेगी।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को यह गहन दुख सहन करने की शक्ति दे।
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