Muzaffarpur ने फुटबॉल का सच्चा सिपाही खो दिया – चंदू भैया नहीं रहे

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Muzaffarpur 22 July : Muzaffarpur में फुटबॉल की लौ जलाने वाले चंद्रशेखर कुमार उर्फ चंदू भैया का आकस्मिक निधन खेल जगत के लिए गहरा आघात है। उनका जाना अपूरणीय क्षति है।

Muzaffarpur Football : चंदू भैया नहीं रहे

मुजफ्फरपुर ने आज अपना एक अनमोल रत्न खो दिया — चंद्रशेखर कुमार, जिन्हें सब चंदू भैया के नाम से जानते थे, अब हमारे बीच नहीं रहे।

आज शहर की फुटबॉल पिचें, मैदान और दीवारें भी उदास हैं। जिस व्यक्ति ने निस्वार्थ भाव से फुटबॉल को जिया, जो खेल के लिए धड़कता था, वह आज सबको रुलाकर चला गया।

कर्म, समर्पण और जुनून का नाम था चंदू भैया। जिला फुटबॉल संघ में उनकी भूमिका “सारथी” जैसी थी — न थकने वाले, न झुकने वाले। उनके अचानक निधन की खबर सुनते ही पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई।

Muzaffarpur Football : चंदू भैया नहीं रहे

पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य को लेकर चिंता थी, और हृदयाघात के बाद उन्हें जिस अस्पताल में ले जाया गया, वहां लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब शहर के प्रतिष्ठित हृदयरोग विशेषज्ञ और संस्थानों पर सवाल उठे हों।

Muzaffarpur Football : चंदू भैया नहीं रहे

खबर मिलते ही फुटबॉल प्रेमियों का सैलाब अस्पताल के बाहर उमड़ पड़ा, लेकिन नियति को कोई नहीं टाल सका। चंदू भैया अब सिर्फ यादों में रह गए।

Muzaffarpur Football : चंदू भैया नहीं रहे

उनसे आखिरी मुलाकात रणधीर वर्मा–कमल प्रसाद मेमोरियल फुटबॉल प्रतियोगिता में हुई थी। कौन जानता था कि वो मुस्कुराहट भरा चेहरा आखिरी बार देखा जा रहा है।

मैदान की हर बाउंड्री, हर सीटी, हर गोल अब उनके बिना अधूरी सी लगेगी। जो मैदानों को जिंदा रखते थे, वो आज खुद खामोश हो गए। लेकिन उनकी आवाज़, उनकी मेहनत, और उनका प्यार हमेशा गूंजता रहेगा।

“वो चले गए, लेकिन हर किक में, हर खेल में उनकी आत्मा ज़िंदा रहेगी।”

ईश्वर से प्रार्थना है कि वे चंदू भैया की आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकसंतप्त परिवार को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति दें।

भावभीनी श्रद्धांजलि… चंदू भैया, आप अमर हैं। ⚽🕊️

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